आलापुर (अंबेडकर नगर)। विकास खंड जहांगीरगंज की ग्राम पंचायत तिलकटंडा में भ्रष्टाचार का चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां इंडिया मार्का हैंडपंप की मरम्मत और गांव में चूना-ब्लीच छिड़काव के नाम पर विकास कार्यों में 12 लाख रुपए से अधिक की राशि का बंदरबांट कर दिया गया।
ग्राम पंचायत को स्वच्छ व विकसित बनाने के लिए आवंटित सरकारी धन का खुलेआम दुरुपयोग हो रहा है। गांव की नालियां गंदगी से बजबजा रही हैं, जगह-जगह कूड़ा-कचरा फैला है और लाखों रुपए खर्च कर बनाए गए आरआरसी केंद्र (कूड़ा निस्तारण घर) झाड़ियों व गंदगी से घिरे पड़े हैं।
ग्राम पंचायत में लगभग 20 इंडिया मार्का हैंडपंप हैं, जिनमें से आधा दर्जन हैंडपंप वर्षों से निष्प्रयोज्य पड़े हैं। बावजूद इसके ग्राम प्रधान एवं सचिव ने 41 हैंडपंपों की मरम्मत के नाम पर लगभग 10 लाख रुपए का भुगतान करा लिया। ग्रामीणों के अनुसार न तो हैंडपंपों की मरम्मत हुई और न ही गांव में चूना-ब्लीच का छिड़काव किया गया।
सूत्रों का कहना है कि पंचायत सचिव और ग्राम प्रधान की मिलीभगत से लाखों रुपए का गबन किया गया है। विगत आठ महीनों में ही चूना-ब्लीच के नाम पर ₹1,17,000 का भुगतान पंचायत के खजाने से निकाल लिया गया, जबकि गांव की गलियों व चकरोडों पर कभी भी छिड़काव नहीं किया गया। पिछले चार वर्षों में भी इसी मद में लाखों रुपए का वारा-न्यारा किया जा चुका है।
गांव के निवासी आशिक अली, वसीम, बबलू, रामअधार, इंद्रावती, रामबुझारत, खुसरू सहित कई ग्रामीणों ने बताया कि सरकारी योजनाओं का लाभ केवल कागज़ों पर दिखाया जा रहा है। जमीनी हकीकत में गांव की स्थिति बद से बदतर बनी हुई है।
ग्रामीणों की शिकायत पर पहुंची पत्रकारों की टीम ने गांव का वास्तविक हाल कैमरे में कैद किया। इस संबंध में जब खंड विकास अधिकारी सतीश कुमार सिंह से बात की गई तो उन्होंने कहा कि “शिकायत दीजिए, जांच कराई जाएगी।” जबकि भ्रष्टाचार से जुड़ी सभी वित्तीय जानकारियां ऑनलाइन पोर्टल पर सार्वजनिक हैं, जिन्हें कोई भी देख सकता है। ग्रामीणों का कहना है कि यह पूरा मामला उच्च स्तरीय जांच का विषय है, ताकि ग्राम पंचायत में विकास के नाम पर हो रहे भ्रष्टाचार का पर्दाफाश हो सके।