अंबेडकरनगर। कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े कर देने वाला मामला जलालपुर कोतवाली से सामने आया है। दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान सीज की गई वाहन सहित डीजे मशीन व अन्य लाखों रूपये के म्यूजिक सिस्टम कोतवाली परिसर से ही रहस्यमय तरीके से गायब हो गई। बताया जा रहा है कि चोरी हुई डीजे मशीन व अन्य सामानों की कीमत लगभग एक लाख रुपये से अधिक है। थाना परिसर में खड़े वाहन से लाखों के सामान गायब होने की सनसनी खेज वारदात के बाद पुलिस ने सीसी कैमरे खंगालना शुरू किया तो वारदात का खुलासा हुआ और पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार कर उन्हें जेल भेज दिया। लेकिन जिस वाहन से चोरी कर ले जाया गया उसे बरामद करने में पुलिस नाकाम साबित हुई। जिसे लेकर चर्चा का माहौल गगर्म है और चोरी किसके सह पर किया गया वह कौन सा कर्मचारी शामिल है उसे पुलिस क्यों बचा रही है। पूरी तरह से सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं इस बीच चर्चा है कि चोरी में शामिल अन्य दो लोगों पर पुलिस मेहरबान दिखी और यह घटना न केवल पुलिस की कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिन्ह लगाती है, बल्कि यह भी सोचने पर मजबूर करती है कि जब थाना परिसर में रखी चीजें सुरक्षित नहीं हैं, तो आम नागरिकों की संपत्ति और सुरक्षा की गारंटी कौन देगा?
जानकारी के अनुसार, बीते दो अक्टूबर को मूर्ति विसर्जन के दौरान तेज ध्वनि करने पर पुलिस ने एक वाहन पर लगा एक डीजे मशीन को सीज कर कोतवाली परिसर में रखवा दिया था। औऱ उस के विरुद्ध विधिक कार्रवाई करते हुए वाहन सीज कर दिया।न्यायालय से रिलीज होने का आदेश मिलने के बाद जब डीजे संचालक मशीन लेने पहुंचा तो उसने देखा कि लाखों का उपकरण थाना परिसर में ही खड़े वाहन से गायब हैं। जिस के बाद डीजे मालिक आधा अधूरा सामान न ले जाने की जिद पर अड़ गया। जिस के बाद पुलिस असहाय दिखी और मजबूरी में एक लिखित समझौता पुलिस और डीजे मालिक के बीच हुआ जिस में डीजे मालिक प्रवेश कुमार व रविकांत निवासी महेशपुर जनपद सुल्तानपुर ने ये लिखा कि न्यायालय रिलीज होने के बाद जब वह वाहन लेने पहुंचा तो एक मशीन,मिक्सर व डिस्ट्रीब्यूटर प्राप्त नहीं हुआ है। जिसे उपलब्ध कराया जाए।जिस पर कोतवाली की मोहर और पीड़ित के हस्ताक्षर हुए। उस के बाद वह अपना वाहन ले जाने को तैयार हुआ। वहीं, स्थानीय लोगों में इस घटना को लेकर आक्रोश व्याप्त है। लोगों का कहना है कि जब पुलिस थाने जैसी सुरक्षित जगह पर चोरी हो सकती है, तो बाहर आम जनता का क्या हाल होगा।
कोतवाली परिसर से हुई चोरी ने सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोल दी है। हालांकि घटना की जानकारी के बाद पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार भले कर लिया मगर घटना ने पुलिस की सक्रियता पर सवालिया निशान लगा दिया।और लोग कहने लगे कि जब थाना परिसर ही सुरक्षित नहीं है तो आम लोग किस तरह खुद को सुरक्षित समझे।कोतवाल ने बताया कि मामले का खुलासा हो चुका है। कोतवाल संतोष कुमार सिंह ने बताया कि आरोपियों को गिरफ्तार कर ले भेज दिया गया है ।