नगर पंचायत अशरफपुर किछौछा के अध्यक्ष पर जिलाधिकारी की आख्या को शासन ने सज्ञान लेते हुए नगर पंचायत अध्यक्ष को कारण बताओं नोटिस भेजा है। उत्तर प्रदेश नगर पालिका अधिनियम, 1916 की धारा 48 के अंतर्गत शासन द्वारा अध्यक्ष सात बिंदुओं पर कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए उनके वित्तीय व प्रशासनिक अधिकार तत्काल प्रभाव से सीमित कर दिए गए हैं। जिसमें चार प्रमुख बिंदु 13 मार्च व 22 मार्च 2025 को अध्यक्ष पर निकाय की व्यवस्था अस्त-व्यस्त करने, नियमों की अनदेखी करने, अधिशासी अधिकारी पर अनुचित दबाव बनाने व पद का दुरुपयोग करना है
मुख्य आरोप में निम्न बिंदु है-
- सफाई, पेयजल व प्रकाश व्यवस्था में लगे कर्मचारियों को कार्य से विरत रहने का निर्देश देकर नगर पंचायत में अव्यवस्था फैलाना।
- हड़ताल पर गए कर्मचारियों को पूर्ण वेतन दिलाने हेतु अधिशासी अधिकारी पर दबाव बनाना।
- होली व रमज़ान जैसे महत्वपूर्ण पर्वों के दौरान कर्मचारियों के वेतन भुगतान को जानबूझकर रोकना।
- ब्लैक लिस्टेड कंपनी मेसर्स जे.के. इंफ्रा को अवैध लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से नियमों को दरकिनार कर टेंडर प्रक्रिया में छूट देना।
- अधिशासी अधिकारी के कार्यालय में सभासदों के साथ धरना प्रदर्शन कर उन्हें बंधक बनाने का प्रयास।
- जातिसूचक शब्दों के प्रयोग व जानलेवा हमले का आरोप।
- भूमि नामांतरण में जानबूझकर विलंब व धार्मिक स्थलों के साइनबोर्ड को जबरन हटवाना।
जिलाधिकारी ने शासन को भेजी रिपोर्ट में कहा है कि अध्यक्ष द्वारा किए गए कृत्य शासन व्यवस्था, समाजहित और राष्ट्रहित के लिए घोर आपत्तिजनक हैं तथा निकाय में कभी भी बड़ा घटनाक्रम घट सकता है।
शासन का निर्देश
राज्यपाल के आदेश पर शासन ने अध्यक्ष को कारण बताओ नोटिस जारी कर 15 दिन के अंदर स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। तय समय सीमा में जवाब न मिलने पर अधिनियम की धारा 48 के अंतर्गत उनके विरुद्ध आगे की कार्रवाई की जाएगी।
साथ ही, नोटिस जारी होने के साथ ही अध्यक्ष की वित्तीय व प्रशासनिक शक्तियां तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दी गई हैं।
क्या कहते हैं नगर पंचायत अध्यक्ष.
नगर पंचायत अध्यक्ष ओमकार गुप्ता- इस संदर्भ में पूछे जाने पर नगर पंचायत अध्यक्ष ओमकार गुप्ता ने कहा कि शासन द्वारा मांगे गए महत्वपूर्ण चार बिंदुओं पर स्पष्टीकरण तय सीमा में भेजा जाएगा।