- यूपी सरकार का दवा महिलाएं आधी रात को अपने कार्य के लिए निकल सकती हैं बाहर।
- पुलिस 24 घंटे जनता की सेवा में तत्पर महिलाओं की सुरक्षा विशेष।
- कप्तान साहब! बसखारी थानेदार के राज में क्या हो रहा है जरा आप भी तो देखिए।
- दिनदहाड़े महिला से छिनैती की वारदात को बदमाशों ने दिया अंजाम।
- बसखारी पुलिस की कार्यशैली पर उठ रहे गंभीर सवाल जनता में असंतोष व्याप्त।
बसखारी,अंबेडकर नगर। बसखारी के नया नवागत थानेदार सुनील कुमार पांडे की कार्यशैली पर आखिरकार क्यों उठने लगा सवाल? जनता में क्यों हो रहा असंतोष व्याप्त जनता की सुरक्षा को लेकर उठ रहे सवाल?
प्राप्त जानकारी के अनुसार बसखारी थाना क्षेत्र अंतर्गत एक महिला के साथ छिनैती की घटना को दिनदहाड़े सरेराह बसखारी पुलिस को चुनौती देते हुए अंजाम दिया गया और अभी तक बसखारी पुलिस खाली हाथ। बताते चलें कि दीपकला पत्नी मुन्ना लाल निषाद जो कि ग्राम घुरहुपुर थाना बसखारी जनपद अंबेडकर नगर की स्थाई निवासी है। पीड़ित महिला द्वारा बसखारी पुलिस को प्रार्थना पत्र देते हुए अपने साथ हुई छिनैती की घटना को बयां करते हुए बताया कि 29 सितंबर को समय लगभग 12:00 बजे टांडा रोड पर स्थित यूनियन बैंक आफ इंडिया के मिनी ब्रांच से पैसा निकालकर सामान खरीदने के लिए बस स्टॉप के निकट स्थित पीपल के पेड़ के निकट पहुंची ही थी कि सामने से आ रहे दो अज्ञात व्यक्तियों ने किसी नशीले पदार्थ को गमछे में लगाकर पीड़िता के ऊपर छिड़क दिया जिससे प्रार्थिनी बदहोश हो गई प्रार्थिनी द्वारा बैंक से निकल गए दो हजार रुपए,कान का झाला(सोने का) मंगलसूत्र और पैर के चांदी का पायल छीन ले गए। अपने साथ हुई इस छीनैती की घटना से महिला बहुत ही आहत,डरी और साहमी हुई है। मानो कि जैसे पैरो तले जमीन खिसक गई। इस घटित हुई छिनैती की घटना से डर और दहशत का ऐसा माहौल व्याप्त हो गया है यह कोई भी महिला बैंक से पैसा निकालने और अपने गहनों को पहने से डरने लगी हैं, भरोसा नहीं है कि बसखारी पुलिस की सुरक्षा में महिलाएं सुरक्षित हैं क्योंकि जब दिन दहाड़े इस तरह की घटना को अंजाम दिया जाएगा तो बदमाशों, गुंडा, माफियाओं व लुटेरे का मनोबल तो बढ़ेगा ही बढ़ेगा। ऐसे में बसखारी पुलिस पर क्षेत्रवासी कई सवालिया प्रश्न चिन्ह खड़ा कर रहे हैं। मजे की बात है कि क्षेत्र में चर्चा का विषय आम है कि यह तो वही थानेदार है जो पूर्व में हंसवार थाने में तैनात रहे है और इसी थानेदार के कार्यकाल में थाने से लगभग 200 मीटर की दूरी पर चोरी को घटना को अंजाम दिया गया था लेकिन चोरी की घटना का अनावरण करने में थानेदार सुनील कुमार पांडे नाकाम साबित हुए थे। जनता को ऐसे थानेदार पर भरोसा कर पाना मिल का पत्थर साबित हो रहा है। चर्चा यह भी है कि जब से नवागत थानेदार सुनील कुमार पांडे ने बसखारी थाने का चार्ज लिया है तब से पूरे क्षेत्र में एक दहशत का माहौल व्याप्त है लोग अपने आप को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। क्षेत्रवासियों की चिंता कहीं ना कहीं उनके लिए एक मुसीबत का सबक बनता जा रहा है और क्षेत्रवासियों की माने तो उत्तर प्रदेश सरकार की जीरो बैलेंस की नीति अपराधियों, गुंडों, माफियाओं, चेन स्नैचरों और लुटेरे पर जो अंकुश लगाने का दावा किया जाता है उस दावें का तो बसखारी के नवागत थानेदार पलीता लगाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं ।इतना ही नहीं बल्कि थानेदार के कुछ चाहते सिपाहियों का मनोबल इस कदर बढ़ा हुआ है कि थाने में आने वाले पीड़ितों के साथ उनका व्यवहार भी अच्छा नहीं है। थानेदार के चाहते बिगड़ैल सिपाहियों का चेहरा बहुत जल्द होगा बेनकाब।बसखारी पुलिस ढुलमुल रवैया और कार्य से क्षेत्रवासी बसखारी पुलिस के करीब जाने से भी परहेज करने लगे हैं।फिलहाल देखना यह बाकी है कि दिनदहाड़े महिला के साथ हुई लूट की वारदात को अंजाम देने वाले लुटेरे तक बसखारी पुलिस के हाथ कब तक पहुंचाते हैं और महिला से लूट किए गए सोने चांदी के गहने और पैसे महिला को वापस मिल पाता भी है या नहीं। वही जब इस प्रकरण के संबंध में बसखारी थानेदार से संपर्क साधा गया तो पूरे प्रकरण से थानेदार ने अभिज्ञता जताते हुए साफ इनकार कर दिया। यह एक विचारणीय प्रश्न है कि जिस थाने डर के क्षेत्र में एक महिला के साथ लूट जैसे घिनौने कृत्य को अंजाम दिया गया हो और थानेदार को कुछ पता ही ना हो कल्पना कीजिए प्रिय क्षेत्रवासियों और कप्तान साहब ऐसे थानेदार से थाने की कमान कैसे संभालेगी और क्षेत्रवासियों को क्या सुरक्षा का भरोसा दे पाएंगे।