Sunday, July 27, 2025
Homeअम्बेडकरनगर639वां उर्स संपन्न: दाखौल रस्म के साथ सूफी परंपरा का पवित्र समापन,...

639वां उर्स संपन्न: दाखौल रस्म के साथ सूफी परंपरा का पवित्र समापन, दरगाह की समस्याओं पर सज्जादानशीन ने दिया समाधान का आश्वासन

बसखारी,अंबेडकरनगर। विश्व प्रसिद्ध सूफी संत हज़रत सैयद मखदूम अशरफ रहमतुल्ला अलैह की दरगाह पर चल रहे 639वें वार्षिक उर्स का समापन दाखौल रस्म के साथ गरिमामय ढंग से संपन्न हुआ। समापन के दौरान मलंगों, फोखराओं एवं सूफी अनुयायियों की मौजूदगी में सज्जादानशीन सैयद मोहिउद्दीन अशरफ से दरगाह से जुड़ी कई समस्याओं को लेकर चर्चा की गई।

दाखौल रस्म के दौरान, आलम शाह के नेतृत्व में मलंगों व फोखराओं ने सज्जादानशीन को दरगाह में आने वाले जायरीनों की असुविधाएं, आवास, पेयजल और व्यवस्था संबंधी मुद्दों से अवगत कराया। इस पर सज्जादानशीन ने अगले वर्ष तक समस्त समस्याओं के समाधान का भरोसा दिलाया।

समापन की औपचारिक घोषणा के साथ पवित्र खिरका एवं छड़ी मुबारक को दरगाह के लहद खाने से निकालकर, पूरी सुरक्षा व्यवस्था के बीच खानवादे अशर्फियां और इंतजामिया कमेटी के सदस्यों के साथ बसखारी पहुंचाया गया।

इस अवसर पर इंतजामिया कमेटी संरक्षक सैयद फैजान अशरफ, सैयद मोहम्मद अशरफ, खलीक अशरफ, सैयद मेहनाज, सैयद अकील, सैयद नसीम अशरफ और हमजा अशरफ समेत कई गणमान्य लोग मौजूद रहे।

समापन के बाद पत्रकारों से रूबरू होते हुए सैयद फैजान अशरफ (चांद)ने कहा, “अगले वर्ष 640वें उर्स से पूर्व जायरीनों के लिए अस्थाने तक आने-जाने का विशेष मार्ग, पेयजल व्यवस्था, शौचालय एवं सौंदर्यीकरण की समुचित योजना बनाई जाएगी। साथ ही ‘नीर शरीफ’ की सफाई व्यवस्था को भी सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी।”

639वें उर्स का यह समापन न केवल एक आध्यात्मिक उत्सव की पूर्णाहुति है, बल्कि अगले वर्ष के लिए एक बेहतर, व्यवस्थित और श्रद्धालु-जायरीन केंद्रित उर्स की दिशा में सार्थक पहल भी है।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments