अम्बेडकर नगर। समायोजन रद्द होने के नौ साल बाद भी उत्तर प्रदेश के शिक्षामित्रों की समस्याओं का समाधान न होने पर जनपद के शिक्षामित्रों ने 25 जुलाई को काला दिवस के रूप में मनाते हुए सरकार के प्रति आक्रोश जताया। शिक्षामित्रों ने काली पट्टी बांधकर शिक्षण कार्य किया और उपवास रखकर हजारों दिवंगत शिक्षामित्रों को श्रद्धांजलि दी।
शिक्षामित्र शिक्षक संघ अम्बेडकरनगर के जिलाध्यक्ष और शिक्षामित्र केयर समिति के जिला संयोजक राम चन्दर मौर्य ने कहा कि सरकार की उदासीनता और भेदभावपूर्ण नीति के चलते प्रदेश भर के शिक्षामित्र आर्थिक, मानसिक और सामाजिक रूप से शोषण झेल रहे हैं। उन्होंने बताया कि कम मानदेय और असुरक्षित भविष्य के कारण अब तक 10,000 से अधिक शिक्षामित्रों की असामयिक मृत्यु हो चुकी है।
राम चन्दर मौर्य ने कहा, “शिक्षक की सभी योग्यताएं—स्नातक, बीटीसी, टीईटी पास होने के बावजूद हमें बंधुआ मजदूर की तरह काम करने के लिए मजबूर किया जा रहा है। मात्र दस हजार रुपये मानदेय, वह भी समय पर न मिलना, शिक्षामित्रों के लिए अभिशाप बन गया है।”
उन्होंने सरकार से शिक्षामित्रों की समस्याओं का शीघ्र समाधान करने की मांग की और चेतावनी दी कि यदि सरकार ने जल्द ठोस कदम नहीं उठाए, तो यह आंदोलन और उग्र रूप ले सकता है।
इस विरोध में जिला महामंत्री मोहम्मद मोसीर खान, उपाध्यक्ष राहुल सिंह, कोषाध्यक्ष पंडित संजय शर्मा, सुरेन्द्र कुमार यादव, राम अशीष वर्मा, अरुण त्रिपाठी, राम करन, सर्वेश कुमार, गिरीश पाण्डेय, रीता देवी, रमावती देवी, सतीश चंद्र शुक्ल समेत बड़ी संख्या में शिक्षामित्र शामिल रहे।