लेखपाल-कानूनगो की मिलीभगत का आरोप, एसडीएम ने दिया जांच का आश्वासन
टांडा (अंबेडकरनगर)। तहसील टांडा के राजस्व ग्राम बसखारी में सरकारी चकमार्ग (गाटा संख्या 493) और नाली (गाटा संख्या 494) पर भूमाफियाओं द्वारा अवैध कब्जा किए जाने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। इसको लेकर ग्राम निवासी पीड़ित जावेद अहमद पिछले 13 दिनों से कलेक्ट्रेट परिसर में धरने पर बैठे हुए हैं। उन्होंने एसडीएम सदर डॉ. शशि शेखर को ज्ञापन सौंपकर पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच की मांग की है।
जावेद अहमद का आरोप है कि भूमाफियाओं ने साजिश के तहत गाटा संख्या 516 तक जाने वाला रास्ता बंद कर दिया है ताकि खातेदारों को विवश कर उनकी ज़मीन सस्ते दामों में खरीदी जा सके। उन्होंने यह भी कहा कि इस अवैध कब्जे में क्षेत्रीय लेखपाल और कानूनगो की मिलीभगत है, जो भूमाफियाओं के साथ मिलकर जमीन कारोबार में साझेदारी कर रहे हैं।
पीड़ित के अनुसार, गाटा संख्या 517 और 518 की प्लाटिंग भी चकमार्ग और नाली पर अतिक्रमण करते हुए की गई है, जिससे गाटा 516 के खातेदारों को भारी असुविधा हो रही है। कुछ समय पूर्व नायब तहसीलदार टांडा द्वारा की गई पैमाइश में भी अतिक्रमण की पुष्टि हुई थी और उसे हटवाया गया था। लेकिन उसके बाद क्षेत्रीय लेखपाल ने न तो पिलर लगाया और न ही चिह्नीकरण कराया, जिससे अतिक्रमणकारियों के हौसले और बढ़ गए।
पीड़ित जावेद अहमद ने आरोप लगाया कि जब वे उच्चाधिकारियों से शिकायत करते हैं, तो लेखपाल द्वारा झूठी रिपोर्ट लगाकर यह बताया जाता है कि रास्ता व नाली सुचारु रूप से चालू है, जबकि जमीनी हकीकत इसके विपरीत है।
उन्होंने मांग की है कि इस मामले की उच्च स्तरीय जांच कर दोषी लेखपाल, कानूनगो और भूमाफियाओं के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाए तथा सरकारी चकमार्ग और नाली को अतिक्रमण से मुक्त कराकर उनकी मूल स्थिति में बहाल किया जाए।
इस मामले में एसडीएम सदर डॉ. शशि शेखर ने बताया कि संबंधित शिकायत प्राप्त हुई है और जल्द ही मामले का समाधान कर दिया जाएगा।
यह मामला न केवल सरकारी जमीन की सुरक्षा से जुड़ा है बल्कि आम नागरिकों के भूमि अधिकार और प्रशासनिक पारदर्शिता पर भी गंभीर सवाल खड़े करता है।

