किछौछा शरीफ (अम्बेडकरनगर)। विश्व प्रसिद्ध सूफी संत हज़रत सैयद मखदूम अशरफ की दरगाह पर चल रहे 639वें सालाना उर्स के तीसरे दिन धार्मिक श्रद्धा और सूफियाना अंदाज़ का अलौकिक संगम देखने को मिला। मंगलवार को सज्जादानशीन सैयद हसीन अशरफ ने अपने लव लश्कर के साथ दरगाह पहुंचकर पारंपरिक रश्म-ए-गागर अदा की। इस दौरान उन्होंने देश में अमन, शांति और भाईचारे के लिए विशेष दुआ मांगी।
खिरका पोसी की रस्म के दौरान मलंगों और फोखराओं ने सूफियाना कलाम गाते हुए लव लश्कर के साथ पहुंचकर महफिल की रौनक बढ़ाई। रूहानी माहौल में उपस्थित जायरीन भाव-विभोर हो उठे।
कल का विशेष कार्यक्रम
उर्स के चौथे दिन, 27 मोहर्रम बुधवार को, सज्जादानशीन मुतवल्ली सैयद मोहिउद्दीन अशरफ अपने आवास बसखारी से पालकी में सवार होकर दरगाह पहुंचेंगे। वे दरगाह में खिरका व मुबारक छड़ी के साथ रश्म-ए-गागर और खिरका पोसी की रस्म अदा करेंगे। यह कार्यक्रम उर्स की सबसे अहम और प्रतीकात्मक रस्मों में से एक है।
प्रशासन की सतर्क निगरानी
मेले के दौरान किसी भी प्रकार की अव्यवस्था से बचने के लिए प्रशासन द्वारा चाक-चौबंद सुरक्षा व्यवस्था की गई थी। थानाध्यक्ष संत कुमार सिंह की अगुवाई में चौकी इंचार्ज किछौछा, एसआई प्रेम बहादुर, महिला दरोगा सविता, अमित चौरसिया, ललित सरोज सहित पीएसी और भारी पुलिस बल की तैनाती रही।
वाहनों की पहचान के लिए विशेष नंबर
जायरीन की सुविधा और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए मेला क्षेत्र में चलने वाली गाड़ियों को थाना द्वारा विशेष नंबर स्टिकर दिया गया है। थानाध्यक्ष संत कुमार सिंह ने बताया कि यदि किसी जायरीन को वाहन चालक द्वारा परेशान किया जाता है तो केवल गाड़ी का विशेष नंबर बताने से ही कार्रवाई संभव होगी। इससे धोखाधड़ी की घटनाओं पर लगाम लगाई जा सकेगी।
2000 मरीजों ने लिया फ्री मेडिकल कैंप का लाभ
उर्स मेले के दौरान निःशुल्क चिकित्सा शिविर का आयोजन भी आकर्षण का केंद्र रहा। आयोजक सैयद अनीस अशरफ ने बताया कि भिवंडी और ठाणे के प्रसिद्ध अस्पतालों के विशेषज्ञ डॉक्टरों द्वारा लगभग 2000 मरीजों का उपचार किया गया और उन्हें निःशुल्क दवाएं वितरित की गईं।
उर्स का यह आयोजन न केवल रूहानी दृष्टिकोण से बल्कि सामाजिक और जनकल्याण के लिहाज़ से भी एक मिसाल बन रहा है।