देशभर से लाखों जायरीनों ने की शिरकत, आध्यात्मिक माहौल में डूबी किछौछा नगरी
किछौछा (अंबेडकरनगर)। हज़रत मखदूम अशरफ की दरगाह शरीफ पर शनिवार देर शाम उनके 639वें उर्स का शुभारंभ परंपरागत परचम कुशाई की रस्म से हुआ। यह ऐतिहासिक अवसर दरगाह के मलंग गेट पर सज्जादानशीन सैयद मोहिउद्दीन अशरफ की अगुवाई में सम्पन्न हुआ। रस्म के दौरान चाँद मियां फैजान अशरफ, सैयद आसिफ अशरफ, मेराजुद्दीन किछौछवी, बदीउद्दीन अशरफ, मजहरूद्दीन अशरफ, यहिया अशरफ, मोहम्मद हमजा अशरफ, अकील अशरफ, फहद अशरफ, सलमान अशरफ समेत खानवादा-ए-अशरफिया के प्रमुख लोगों ने भाग लिया।
फीता काटने के साथ ही ढोल-नगाड़ों और पारंपरिक नारों के बीच जायरीनों का हुजूम सज्जादानशीन की अगुवाई में मखदूम साहब के आस्ताने की ओर बढ़ा। वहां पहुंचकर देश की तरक्की, अमन और भाईचारे की विशेष दुआएँ की गईं। परचम कुशाई की इस रूहानी रस्म में देशभर से लाखों श्रद्धालुओं ने शिरकत की और दरगाह परिसर आध्यात्मिक रंग में सराबोर हो उठा।
भक्ति, श्रद्धा और अनुशासन का अद्भुत संगम
दूर-दराज़ से आए जायरीन दरगाह शरीफ में हाज़िरी लगाने के लिए कतारों में खड़े नज़र आए। चादरपोशी कर श्रद्धालुओं ने मन्नतें मांगी और मखदूम अशरफ की शिक्षाओं को याद करते हुए उनके बताये रास्ते पर चलने का संकल्प लिया।
चाक-चौबंद सुरक्षा इंतजाम
भीड़ को नियंत्रित रखने और किसी अप्रिय घटना से बचने के लिए थाना प्रभारी बसखारी संत कुमार सिंह के नेतृत्व में भारी पुलिस बल तैनात किया गया। दरगाह परिसर और आयोजन स्थल पर सीसीटीवी कैमरों से निगरानी रखी जा रही है। प्रशासन और दरगाह समिति ने मिलकर आयोजन को शांतिपूर्ण एवं सफल बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
व्यापारियों में उत्साह, बाजारों में रौनक
उर्स के आगाज़ के साथ ही किछौछा का पूरा इलाका रौशनी और रौनक से जगमगा उठा है। दरगाह परिसर और आसपास की गलियों में अस्थायी दुकानों की सजावट जोरों पर है। चादरें, इत्तर, टोपी, तसबीह, खाद्य सामग्री और खिलौनों से बाज़ार गुलजार हैं। व्यापारियों और दुकानदारों के चेहरों पर खासा उत्साह देखा जा रहा है। उर्स के चलते पूरा इलाका आस्था और संस्कृति के मेले में तब्दील हो गया है।
नगर पंचायत ने की व्यापक व्यवस्थाएं
नगर पंचायत चेयरमैन ओमकार गुप्ता ने बताया कि उर्स के दौरान ज़ायरीन की सुविधा के लिए 10 स्थानों पर पार्किंग की व्यवस्था की गई है। साथ ही पेयजल, साफ-सफाई, स्ट्रीट लाइट और अस्थायी शौचालयों की भी विशेष व्यवस्था की गई है। नगर पंचायत की ओर से लगातार निगरानी रखी जा रही है ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो और वे शांति एवं श्रद्धा से उर्स में भाग ले सकें।
639वें उर्स की यह भव्य शुरुआत न केवल आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह देश में सांप्रदायिक सौहार्द, भाईचारे और आध्यात्मिक एकता का सशक्त उदाहरण भी प्रस्तुत करती है। किछौछा दरगाह में जुटी लाखों की भीड़ यह बताती है कि सूफी परंपरा आज भी जनमानस को जोड़ने वाली सबसे मजबूत कड़ी बनी हुई है।

