अम्बेडकरनगर। बसखारी, किछौछा समेत आसपास के क्षेत्रों में नलकूपों का पानी इस समय गंभीर संकट की ओर इशारा कर रहा है। क्षेत्र में पानी का टीडीएस स्तर खतरनाक स्थिति में पहुँच गया है, जबकि प्रशासनिक दावे नीर शरीफ जल को पीने योग्य बता रहे हैं। यह विरोधाभास स्थानीय लोगों और विशेषज्ञों के लिए चिंता का विषय बना हुआ है।
गौरतलब है कि लगभग आठ वर्ष पहले किए गए जल परीक्षणों में यहाँ के पानी में अल्कलाइटी स्तर की खराब स्थिति दर्ज की गई थी, जबकि तब पानी अपेक्षाकृत साफ और बहाव सुचारु था। आज हालात यह हैं कि नीर शरीफ की पोखरी में घास-फूस जमा होने और जल प्रवाह अवरुद्ध होने से पानी की गुणवत्ता पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
लोगों का सवाल है कि निजाम बदलने के बाद आखिर ऐसा कौन सा “जादू” हुआ कि सरकारी रिपोर्टों में सब कुछ ठीक-ठाक दिखाया जा रहा है। इसके उलट, स्वास्थ्य विभाग के आँकड़े बताते हैं कि यहाँ टीबी मरीजों की संख्या में पिछले कुछ वर्षों में खतरनाक बढ़ोतरी हुई है, जो साफ इशारा करता है कि हालात पहले से अधिक गंभीर हो चुके हैं।
स्थानीय जनता ने प्रशासन से पारदर्शी जाँच और त्वरित कार्रवाई की माँग की है ताकि क्षेत्रवासियों को सुरक्षित और शुद्ध पेयजल उपलब्ध हो सके तथा स्वास्थ्य संबंधी खतरे कम किए जा सकें।