हंसवर अंबेडकर नगर। 9 अप्रैल को चैत्र नवरात्रि की शुरुआत प्रथम दिन से हुई। तथा 9 दिन चैत्र नवरात्रि चलता है। जिसमें महिलाएं तथा पुरुष माता के नौ रूपों का पूजा आराधना करते हैं। तथा घरों में कलश का भी स्थापना करते हैं। वही चैत्र नवरात्रि के महा अष्टमी के दिन प्रथम तथा अंतिम दिन व्रत रखने वाले लोग मंदिरों में माता के अष्टम रूप का पूजा आराधना करते हैं तथा हवन भी करते हैं। जिसको लेकर मंगलवार को जगह-जगह मंदिरों में पूजा आराधना एवं हवन पूजन करने वाले श्रद्धालुओं का सुबह से तांता लग रहा। वहीं हंसवर ग्राम सभा में स्थित श्री दुर्गा माता मंदिर में सुबह से ही श्रद्धालुओं ने महा अष्टमी पर मां के अष्टम रूप का पूजा आराधना किया तथा हवन पूजन भी करवाये। तथा नौ कन्याओं को खिलाकर व्रत का पारण किया। ऐसी मान्यता है कि, नवरात्र के महीना में कन्या मां का ही रूप होते हैं। जिन्हें हलवा, पुडी, नारियल का भोग लगाया जाता है। तथा चंदन से नौ कन्याओं का तिलक करने से माता की अनुक्रमपा प्राप्त होती है। तथा घर में सुख समृद्धि तथा वैभव भी आता है। तथा चैत्र नवरात्रि के नौवे दिन मर्यादा पुरुषोत्तम श्री रामचंद्र का जन्म उत्सव के रूप में मनाया जाता है। चैत्र नवरात्रि पर दुर्गा मंदिर सजावट समिति के सदस्यों द्वारा पूरे मंदिर परिसर को लाइट झालरों से सजाया गया। वही हंसवर में स्थित श्री दुर्गा माता मंदिर परिसर में चैत्र नवरात्रि के महा अष्टमी पर माता की पूजा आराधना एवं हवन करने वाले श्रद्धालुओं का सुबह से तांता लग रहा है। और लोगों ने हवन पूजन कर नौ कन्याओं भी खिलाया।
चैत्र नवरात्रि के अष्टमी पर मंदिरों में हवन पूजन तथा पूजा करने वाले श्रद्धालुओं का लगा रहा तांता
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