बरेली। दालत ने 2014 में शहर के बरेली इलाके में डकैती के दौरान हुए हत्याकांड में दो महिलाओं सहित आठ लोगों को मौत की सजा सुनाई है। अदालत ने आभूषण दुकानदार को भी आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
मृतकों में एक 60 वर्षीय महिला भी शामिल है।
आठों दोषी पंजाब के छैमार गिरोह के सदस्य हैं। उनकी पहचान वाजिद, यासीन उर्फ जीशान, नाजिमा, हाशिमा, समीर उर्फ साहब उर्फ नफीस, जुल्फाम और फहीम के रूप में हुई। जुल्फाम और यासीन, हसीन और नाजिमा के बेटे हैं। हाशिमा यासीन की पत्नी हैं। अन्य आरोपी उनके रिश्तेदार हैं।
अदालती कार्यवाही
4 मार्च को अदालत ने आरोपियों को दोषी ठहराया जिसके बाद राजू वर्मा और नाज़िमा, जो जमानत पर थे, उन्हें हिरासत में ले लिया गया और जेल भेज दिया गया। अन्य आरोपी पहले से ही जेल में थे। अदालत ने फैसला सुनाने के लिए 7 मार्च की तारीख तय की थी। गुरुवार को कोर्ट ने दो महिलाओं समेत आठ आरोपियों को मौत की सजा सुनाई और उन पर जुर्माना भी लगाया। अदालत ने कहा कि उन्हें तब तक गर्दन से लटकाया जाए जब तक वे मर न जाएं। वहीं बरेली सरकार के वकील एस के पाठक ने कहा राजू वर्मा पर जुर्माना भी लगाया गया है। अदालत ने मामले में अभियोजन पक्ष के 10 और बचाव पक्ष के दो गवाहों से पूछताछ की। आठ लोगों को आईपीसी की धारा 396,404,120, 412 के तहत दोषी ठहराया गया है। वहीं राजू वर्मा को आईपीसी की धारा 412 के तहत दोषी ठहराया गया है।
कोर्ट की टिप्पणी
अदालत ने कहा कि इस मामले में दोषियों का एकमात्र उद्देश्य बिना किसी कारण के सामूहिक हत्या करके लूटपाट और डकैती करना था। अपराधियों ने कीमती सामान लूटने के साथ-साथ लोगों की जान भी ले ली। अदालत ने तर्क दिया कि ऐसे अपराधियों से जीवन और संपत्ति की रक्षा करने का एकमात्र तरीका मृत्युदंड है। इतना ही नहीं, अगर इन हत्यारों को छोड़ दिया गया तो वे समाज में शांति से रह रहे लोगों के लिए भी खतरा पैदा कर सकते हैं।
क्या हुआ था
अभियोजन पक्ष के अनुसार मामला अप्रैल 2014 का है जब तत्कालीन आयकर विभाग के अधिकारी रविकांत मिश्रा ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी कि अज्ञात हमलावरों ने उनकी मां पुष्पा देवी (60), छोटे भाई योगेश मिश्रा (34) और पत्नी की हत्या कर दी। रविकांत उस समय पीलीभीत में तैनात थे। उन्होंने अपने आवेदन में कहा कि जब उनके परिवार के सदस्यों ने उनके फोन कॉल का जवाब नहीं दिया, तो वह उन्हें देखने के लिए 23 अप्रैल 2014 को बरेली आए। उन्होंने घर का मुख्य दरवाजा अंदर से बंद पाया। काफी खटखटाने के बावजूद जब किसी ने दरवाजा नहीं खोला तो वह अपने पड़ोसी के घर के रास्ते घर में दाखिल हुआ।
इसके बाद उन्हें अपनी मां का शव सीढ़ियों पर पड़ा हुआ मिला। जबकि योगेश और प्रिया के शव बेडरूम में मिले। पीड़ितों के सिर पर किसी कुंद वस्तु से चोट पहुंचाकर बेरहमी से हत्या की गई थी। पुलिस ने पाया कि हमलावर लोहे की ग्रिल काटकर खिड़कियों के रास्ते घर में घुसे थे।
मुखबीर की सूचना के आधार पर पुलिस ने आरोपी को बरेली के उमरिया गांव में ढूंढ निकाला। पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया और उनके पास से लूटे गए आभूषण और अन्य कीमती सामान बरामद कर लिया।
आरोपियों द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर पुलिस ने राजू वर्मा को पकड़ लिया और उसके कब्जे से लूटे गए आभूषणों का एक हिस्सा बरामद कर लिया। अदालत ने कहा कि अपराध के बारे में जानने के बावजूद राजू वर्मा ने अन्य आरोपियों से आभूषण खरीदे थे।