चार साल से सेवा दे रही केयर टेकर को चुनावी रंजिश में मानदेय से किया वंचित, CDO के आदेशों की भी अनदेखी
अम्बेडकरनगर। आलापुर तहसील क्षेत्र के जहांगीरगंज विकास खण्ड की ग्राम पंचायत खरूवांव में केयर टेकर के मानदेय के नाम पर बड़ा घोटाला सामने आया है। इस घोटाले में ग्राम पंचायत के पूर्व सचिव कमलेश कुमार और ग्राम प्रधान की मिलीभगत उजागर हुई है। आरोप है कि चयनित समूह/केयर टेकर को चार साल से लगातार कार्य करने के बावजूद मानदेय का भुगतान न कर, उसका पैसा दूसरे समूह/केयर टेकर के खातों में भेजकर बंदरबांट किया गया।
घोटाले का खुलासा तब हुआ, जब चयनित केयर टेकर रीता निषाद ने अपनी शिकायत मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) से की। जांच में पाया गया कि ग्राम प्रधान ने चुनावी रंजिश के चलते रीता निषाद के मानदेय भुगतान संबंधी बाउचर पर हस्ताक्षर करने से इन्कार कर दिया था।
सीडीओ ने लगाई थी फटकार, दिया था आदेश
इस पूरे मामले में पूर्व मुख्य विकास अधिकारी अनुराग जैन ने 8 फरवरी 2024 को ब्लॉक जहांगीरगंज में सभी केयर टेकर की बैठक बुलाई थी। बैठक में सीडीओ ने खरूवांव की केयर टेकर रीता निषाद को 4 फरवरी 2024 को सचिव और ग्राम प्रधान द्वारा जारी नोटिस को अवैध घोषित करते हुए ग्राम पंचायत सचिव कमलेश कुमार को कड़ी फटकार लगाई थी। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिया था कि बिना सीडीओ के आदेश के किसी भी केयर टेकर को हटाया नहीं जा सकता और रीता निषाद का मानदेय तत्काल भुगतान किया जाए।
सीडीओ ने सभी ग्राम प्रधानों और पंचायत सचिवों को शासनादेश संख्या 477 दिनांक 12 अक्टूबर 2023 का कड़ाई से पालन करने का निर्देश भी दिया था।
शासनादेश के बावजूद नहीं रुकी गड़बड़ी
बावजूद इसके, ग्राम पंचायत सचिव और ग्राम प्रधान ने सीडीओ के आदेश और शासनादेश को दरकिनार कर, चयनित समूह/केयर टेकर को मानदेय न देकर दूसरे समूहों के खातों में धनराशि भेज दी। इसकी पोल तब खुली जब रीता निषाद ने 4 जुलाई 2025 को एक बार फिर सीडीओ से शिकायत की। जांच में पुष्टि हुई कि शासनादेश के विरुद्ध जाकर दूसरे समूहों को पैसा बांटा गया।
गौरतलब है कि ग्राम पंचायत खरूवांव में फरवरी-मार्च 2024 से पहले केयर टेकर के नाम पर एक भी रुपया भुगतान नहीं किया गया था। जबकि रीता निषाद की नियुक्ति की प्रक्रिया दिसंबर 2020 में पूरी हो चुकी थी और तब से वह कार्यरत हैं।
रीता निषाद ने खंड विकास अधिकारी और सीडीओ को ग्राम पंचायत समिति का प्रस्ताव, समूह का प्रस्ताव, चयन प्रमाण पत्र, पूर्व सचिव द्वारा मानदेय भुगतान के लिए दिए गए बाउचर और पूर्व में हुई शिकायतों के पत्र, सीडीओ के आदेश समेत कुल 13 प्रकार के दस्तावेज सौंपकर न्याय की गुहार लगाई है।
अब कार्रवाई की मांग
मामले में पुनः शिकायत के बाद प्रशासनिक हलकों में हलचल है। सीडीओ कार्यालय के सूत्रों के अनुसार, दोषियों पर कार्रवाई की तैयारी की जा रही है। ग्रामीणों ने इस प्रकरण को लेकर कड़ी नाराजगी जताई है और दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की है।