अम्बेडकरनगर। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेशभर के 27,965 प्राथमिक विद्यालयों के एकीकरण और विलय के फैसले के खिलाफ विरोध की आवाजें तेज होती जा रही हैं। इसी क्रम में आजाद समाज पार्टी एवं भीम आर्मी के कार्यकर्ताओं ने गुरुवार को अम्बेडकरनगर कलेक्ट्रेट परिसर में जोरदार प्रदर्शन किया।
भीम आर्मी के जिला अध्यक्ष और आजाद समाज पार्टी के नेताओं के नेतृत्व में सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा के समक्ष धरना दिया और सरकार के इस निर्णय को गरीब, दलित और पिछड़े वर्गों के खिलाफ साजिश करार दिया।
प्रदर्शनकारियों का कहना था कि प्राथमिक विद्यालयों का विलय शिक्षा व्यवस्था को कमजोर करने वाला कदम है, जिससे विशेषकर ग्रामीण अंचलों के बच्चों की पढ़ाई पर गंभीर असर पड़ेगा। एडवोकेट नरेंद्र बहादुर ने कहा, “यह निर्णय ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा की पहुंच को कठिन बना देगा। कई गांवों के बच्चों को अब दूर के विद्यालयों में जाना पड़ेगा, जिससे शिक्षा में असमानता और स्कूल छोड़ने की दर बढ़ सकती है।”
आजाद समाज पार्टी के जिला अध्यक्ष जयसिंह राणा ने कहा कि सरकार का यह कदम संविधान के अनुच्छेद 21A (नि:शुल्क और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार), शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 और अनुच्छेद 46 (कमजोर वर्गों के शैक्षिक और आर्थिक हितों की सुरक्षा) का उल्लंघन है। उन्होंने कहा, “सरकार को समझना होगा कि शिक्षा समान अवसर की कुंजी है। इसे किसी भी हालत में बाधित नहीं किया जाना चाहिए।”
धरने के दौरान कार्यकर्ताओं ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और निर्णय को तत्काल वापस लेने की मांग की। एडवोकेट नरेंद्र बहादुर ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर सरकार ने यह फैसला वापस नहीं लिया, तो आजाद समाज पार्टी एक बड़ा आंदोलन छेड़ेगी।
धरना पूरी तरह शांतिपूर्ण रहा। इस मौके पर भीम आर्मी जिलाध्यक्ष धर्मवीर विद्यार्थी, निखिल राव, जिला कोषाध्यक्ष एड. ऊषा बैद्य, एड. जीवनराम, एड. रामदीन, राजभारती, आजाद समाज पार्टी से जिलापंचायत सदस्य राजेन्द्र कुमार गौतम, एड. राम अजोर, समेत कई कार्यकर्ता और स्थानीय लोग मौजूद रहे।
पार्टी नेताओं ने ऐलान किया कि वे शिक्षा के अधिकार और सामाजिक न्याय की रक्षा के लिए संघर्ष जारी रखेंगे और यदि आवश्यकता पड़ी तो राज्यव्यापी आंदोलन किया जाएगा।