Saturday, October 25, 2025
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Ambedkar Jayanti 2025: ‘मुझे पूजने की नहीं पढ़ने की जरूरत है’, कार्यक्रम में आशा और राधिका ने बाबा साहब के विचारों को लोगों को बताया

देश भर में आज डॉ. भीमराव अंबेडकर की 134वीं जयंती मनाई जा रही है। इस दिन पर स्कूल, कॉलेज और सरकारी दफ्तरों सहित गांवों में भी बाबा साहब भीमराव अंबेडकर को उनके द्वारा किए गए कार्यों एवं देश और समाज के लिए उनके योगदान को याद करके श्रद्धांजलि दी जाती है। बाबा साहब को उनके कार्यों के लिए भारत रत्न से सम्मानित किया गया था, वे देश के पहले कानून मंत्री भी थे।
इसी कड़ी में अंबेडकरनगर जिले के जलालपुर तहसील में स्थित प्रतापपुर कला गांव में भीमराव अंबेडकर की जयंती मनाई गई। इस दौरान गांव सहित आसपास के सभी लोग मौजूद रहे। कार्यक्रम में बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के विचारों को जन-जन तक पहुंचाने वाली आशा और राधिका सहित अन्य लोगों ने प्रतिमा के सामने पुष्पाजंलि अर्पित की। साथ ही बाबा साहब के विचारों को जन-जन तक पहुंचाने का संकल्प लिया।
कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलन से हुई। अतिथियों के स्वागत के बाद सभी से अपील किया कि वे बाबा साहब के पद चिन्हों पर चलें। इस दौरान कार्यक्रम में मौजूद आशा ने कहा, डॉ. अंबेडकर ने समाज में शिक्षा के महत्व को बहुत अच्छे से समझाया है। हमें उनके आदर्शों को अपनाकर एक ऐसा भारत बनाना है, जो रूढ़ीवादी परंपराओं से मुक्त हो।
भीमराव के योगदान का उल्लेख करते हुए कहा, बाबा साहब का योगदान केवल एक विशेष जाति या धर्म के लिए नहीं है। उनके द्वारा बनाए गए संविधान ने सभी धर्मों, जातियों और समाजों के लोगों को समानता, स्वतंत्रता और समरसता का अधिकार दिया। उन्होंने कहा, बाबा साहब को सच्ची श्रद्धांजलि तभी मिलेगी, जब हम अपने समाज से छुआछूत और आर्थिक असमानता को समाप्त करेंगे।
वहीं, कार्यक्रम में मौजूद राधिका ने डॉ. आंबेडकर की व्यक्तित्व और उनके योगदान पर विस्तृत चर्चा की। उन्होंने कहा, आज के समाज में बाबा साहब का दृष्टिकोण और मूल्य अधिक प्रासंगिक हैं। हमें उनकी शिक्षाओं को अपनाने की आवश्यकता है, ताकि हम एक समान और समृद्ध समाज का निर्माण कर सकें। कार्यक्रम ने डॉ. अंबेडकर के विचारों को पुनर्जीवित करने और समाज में उनके योगदान को व्यापक जनसमुदाय के सामने लाने के लिए एक प्रेरणा का कार्य किया। यह स्पष्ट है कि बाबा साहब के आदर्शों को आत्मसात करना आज की आवश्यकता है, ताकि हम एक बेहतर समाज का निर्माण कर सकें।

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