Friday, October 24, 2025
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काश पुलिस मृतक की शिकायत को गंभीरता से लिया होता तो शायद नरोत्तमपुर की घटना न होती

आलापुर,अंबेडकर नगर। काश पुलिस ने बीते दो अक्टूबर को मृतक सुन्दरपाल की शिकायत को गंभीरता से लिया होता तो नरोत्तमपुर की घटना न हुई होती यह बातें मृतक के मां बाप भाई और पत्नी को बार बार याद आ रही है। आर्थिक रूप से बेहद बिपिन्न परिवार को 30 वर्षीय मृतक की पत्नी 10वर्ष की बेटी तृषा 7वर्ष के पुत्र आर्यन और 4वर्ष के प्रतीक को देख देख कर पूरा परिवार चिन्तित हो रहा है ।

मालूम हो घटना स्थल पर पीड़ित परिवार किसी अन्य द्वारा सूचना मिलने पर पहुंचा और जहांगीरगंज पुलिस घायल को सीएचसी से जिला अस्पताल भेज चुकी थी जहां पहुंचने पर घायल हुए सुन्दरपाल से परिजनों की मुलाकात हुई । मृतक की पत्नी सुमन ने बताया कि घायल पति ने बताया कि मुझे रास्ते में रोककर मारा गया है और कुछ लोगों का नाम भी बताया लेकिन हालत गंभीर होने के कारण अधिक बात नहीं हो सकी और उनको लखनऊ रिफर कर दिया गया जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। भीम आर्मी, ग्रामीणों एवं परिजनों ने शव का अंतिम संस्कार करने से तब तक मना कर दिया जब तक दोषियों की गिरफ्तारी नहीं हो जाती तथा मृतक के परिजनों को आर्थिक मदद नही किया जाता। उपजिलाधिकारी आलापुर सुभाष सिंह, नायब तहसीलदार राजकपूर, क्षेत्राधिकारी आलापुर रामबहादुर सिंह क्षेत्रीय लेखपाल और कई थानों की पुलिस मौके पर पहुंचकर परिजनों एवं जुटी भीड़ को समझाने का प्रयास किया लेकिन ग्रामीणों एवं परिजनों के साथ भीम आर्मी के कार्यकर्ताओं ने पीड़िता मृतक की पत्नी को आर्थिक सहायता, आवास, भूमिहीन होने पर भूमि को उपलब्ध कराने और मृतक की पत्नी को नौकरी देने की मांग किया । उपजिलाधिकारी को जब यह पता चला कि मृतक आश्रितों के पास बिल्कुल जमीन नहीं है तो तत्काल ग्राम पंचायत की 16विस्वा जमीन नापकर पीड़िता को देने को कहा जिसे मौके पर चिन्हित कर दिया गया। खण्ड विकास अधिकारी जहांगीरगंज से आवास उपलब्ध कराने का निर्देश दिया अबोध बच्चों की शिक्षा आदि निःशुल्क उपलब्ध कराने और मृतक आश्रितों को आर्थिक सहायता उपलब्ध कराए जाने का भरोसा दिया। उपजिलाधिकारी सुभाष सिंह नायब तहसीलदार राजकपूर एवं क्षेत्रीय लेखपाल ने आश्वस्त किया कि पीड़िता को आवास बनाने के लिए जमीन उपलब्ध कराई जाएगी दिन भर चले वार्तालाप के बाद शाम को शव का अंतिम संस्कार चांडीपुर घाट पर भारी पुलिस बल की मौजूदगी में किया गया तब जाकर प्रशासन ने राहत की सांस ली। गांव में पूरी तरह सन्नाटा पसरा हुआ है रह रहकर मृतक की पत्नी और अबोध बच्चों की चीख पुकार सुन लोगों की आंखे नम हो जा रही है। आज मौके पर क्षेत्राधिकारी आलापुर पहुंचकर ग्रामीणों परिजनों एवं मृतक की पत्नी का बयान दर्ज किया और मामले में कार्यवाही करने का भरोसा दिया। मौके पर थाना राजेसुल्तानपुर की पुलिस सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कल से ही मौजूद है लेकिन एक पत्नी की मांग का सिंदूर मिट गया और तीन अबोध बच्चों की सिर से बाप का साया उठ गया काश पुलिस मृतक की शिकायत को गंभीरता से लिया होता तो आज परिवार और अबोध बच्चों को यह दिन न देखना पड़ता।

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