अम्बेडकरनगर। पीड़ित मानवता की गूंगी वेदना को स्वर दे रहे वरिष्ठ पत्रकार और लेखक घनश्याम भारती को उनके कार्यों का आंकलन करते हुए भागलपुर बिहार की विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ ने विद्यावाचस्पति मानद सम्मान से सम्मानित किया है। जिस पर जिले के लोगों ने हर्ष व्यक्त किया। यह सम्मान डॉक्टरेट के समक्ष है। जलालपुर तहसील के दुलहूपुर गांव निवासी घनश्याम भारती विगत तीन दशक से सक्रिय पत्रकारिता से जुड़े हैं। जिनके सैकड़ो लेख देश विदेश के तमाम प्रमुख पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुके हैं। वे दर्जनों कहानी और कई उपन्यास के साथ अयोध्या के प्रसिद्ध कवि डॉ ताराचंद तन्हा के जीवन संघर्ष और साहित्य की योगदान पर लघु शोध पूर्ण कर चुके हैं। इसके पूर्व उन्हें राजीव गांधी एक्सीलेंस अवार्ड के अलावा भारत गौरव सम्मान, शान- ए-अवध सम्मान, पं. गणेश शंकर विद्यार्थी पत्रकारिता सम्मान के साथ शब्द श्री साहित्यिक सम्मान प्राप्त हो चुके हैं। इसी क्रम में विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ ने विद्यावाचस्पति मानद सम्मान देकर उनका कद और ऊंचा कर दिया है। वहीं जिले के पत्रकार अजीत सिंह, आशाराम वर्मा, रोशन गुप्ता, चन्दन मौर्य, विजय कुमार,मनोज मद्देशिया, सतेन्द्र यादव, लालमणि गोंड़, शरीफ़ मसूदी, सुनील सिंह, नियाज़ अहमद सिद्दीकी,गिरजा शंकर गुप्ता व साहित्यकारों एवं अधिवक्ता एड. नरेंद्र बहादुर,एड. लाल बहादुर, एड. अंशुमान, एड. प्रदीप कुमार एवं नेताओं ने बधाईयां दी।
वरिष्ठ पत्रकार और लेखक घनश्याम भारती को बिहार से मिली डॉक्टरेट की मानद उपाधि
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