हंसवर अंबेडकर नगर। महिलाओं द्वारा हर षष्ठी व्रत रख संतान के लंबी उम्र व घर में सुख समृद्धि का किया कामना। बता दे यह व्रत पूजा भादो मास के षष्टी के दिन किया जाता है। पुराणों के अनुसार इसी दिन भगवान कृष्ण के बड़े भाई बलराम का जन्म हुआ था। इसलिए इसे हल षष्ठी तथा हर षष्ठी व्रत के नाम से भी जाना जाता है। कहीं कहीं इसे ललही छठी के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन महिलाएं महुआ के डाल का दातुन करती हैं। तथा गाय के दूध से बने डा ही घी का सेवन करती हैं। इस दिन कृष्ण के भाई बलराम जी का जन्म हुआ था। जिसे हल षष्ठी, हर षष्ठी तथा ललही छठी के नाम से जाना जाता है। इसलिए इस दिन महिलाएं हालधर का पूजा करती हैं। इस दिन महिलाएं द्वारा हाल से पैदा हुए अन्न का भोजन नहीं किया जाता केवल तालाब में पैदा हुए अन्न का ही सेवन किया जाता है। इस व्रत को महिलाएं संतान की लंबी उम्र तथा घर की सुख समृद्धि के लिए रखती हैं। रविवार को हंसवर ग्राम सभा के श्री दुर्गा माता मंदिर, काली माता मंदिर, श्री खाकी बाबा राम जानकी मंदिर आदि स्थानों पर महिलाओं ने हल षष्ठी व्रत रखते हुए संतान की लंबी उम्र तथा घर की सुख समृद्धि के लिए पूजा आराधना किया। इस दिन नव विवाहित महिलाएं पुत्र प्राप्ति के लिए भी यह व्रत रखती हैं। पूजा आराधना करने के पश्चात महिलाएं गोल बनाकर छठी व्रत रखना से प्राप्त पुत्र पर किस्सा कहानी कहते हैं। तथा छठी माई का गीत गाती है। तथा महुआ के पत्ते पर महुआ, तिन चावल, दही का प्रसाद पुत्रों को खिलाया जाता है।
पुत्र प्राप्ति वा संतान की लंबी उम्र घर की सुख समृद्धि के लिए ललही छठ पर महिलाओं ने किया पूजा आराधना
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