बसखारी,अम्बेडकरनगर।बसखारी अकबरपुर रोड पर चल रहे अवैध नर्सिंग होम में डिलीवरी के दौरान जच्चा बच्चा की मौत होने पर परिजनों ने घंटो सड़क पर शव को रखकर यातायात को बाधित कर दिया। जिससे स्वास्थ्य विभाग के साथ पुलिस प्रशासन के हाथ पांव फूलने लगे, आनन फानन में परिजनों की मांग पर अस्पताल को सीज करते हुए अस्पताल संचालक के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत कराया। आपको बताते चलें कि बसखारी अकबरपुर रोड पर गायत्री मंदिर के सामने आयुष मल्टीप्ल हॉस्पिटल नाम से अवैध रूप से संचालित अस्पताल में हरनीडीह निवासी राजन पुत्र मेवालाल अपनी पत्नी रीना देवी(24) को डिलीवरी के लिए एडमिट कराए थे। जहां पर शनिवार की रात लगभग 4:30 बजे अप्रशिक्षित डॉक्टर द्वारा सिजेरियन कर बच्चों को निकाला गया। जहां पर बच्चे की मृत्यु होने से आप्रशिक्षित डॉक्टर महिला मरीज की बिगड़ती हालत को देखते हुए प्राइवेट एंबुलेंस के माध्यम से जिले पर किसी अस्पताल पर भेजने की बात कही। जिस पर परिजन कुछ समझ पाते की महिला की भी मौत हो गई। इसी दौरान अस्पताल संचालक अस्पताल को बंद कर भाग गया। जिससे परिजन मृतक महिला की शव को रोड पर रख कर जाम लगा दिए और अस्पताल संचालक के साथ डॉक्टर की गिरफ्तारी तथा अस्पताल को सीज करने की मांग को लेकर अड़ गए। परिजनों की मांग को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग के साथ पुलिस ने पहुंचकर संचालित हो रहे अवैध अस्पताल को सीज कर दिया। वही बगल में संचालित हो रहे अवैध अल्ट्रासाउंड केंद्र में रखी मशीन को जप्त कर लिया।
अवैध रूप से संचालित हो रहे नर्सिंग होम में सीज करने के दौरान पहुंचे सीएमओ डॉ० राजकुमार के साथ डिप्टी सीएमओ एस के वर्मा तथा रामानंद सिद्धार्थ एवं डॉक्टर प्रशांत सिंह के साथ एसडीएम टांडा मोहनलाल गुप्ता ने अस्पताल को सीज कराया।
अवैध अस्पताल सीज करने के दौरान उसमें एडमिट मरीज पम्मी पत्नी आनंद निवासी पिपरी सैदपुर तथा निर्मला पत्नी बृजमोहन निवासी गोकुलपुर को शिफ्ट करते हुए जिला अस्पताल भिजवाया गया। बताते चलें कि बसखारी में संचालित अवैध आयुष मल्टीप्ल हॉस्पिटल के संचालन में दूसरे जिले के तैनात डॉक्टर आर एस यादव की भूमिका भी संदिग्ध बताई जा रही है। इस अस्पताल के संचालन में जिन डॉक्टरों का बैनर पोस्टर लगा है सूत्रों की माने तो वह कभी अस्पताल पर अपनी सेवाएं नहीं देते हैं। वही सीएमओ डॉक्टर राजकुमार ने मौके पर पहुंचकर मीडिया द्वारा पूछे गए सवालों के जवाब में बताया कि अवैध रूप से अस्पताल संचालित हो रहा था जिसको सीज कर दिया गया है तथा विभाग की तरफ से भी अस्पताल संचालक के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत कराया जाएगा।
यातायात तथा मामले को सुलझाने में कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। वही स्थानीय पुलिस के साथ आधा दर्जन अन्य थाने की पुलिस रोड जाम के दौरान यातायात को कुशल रूप से संचालित करने के लिए मार्ग को लगभग चार घंटे डायवर्ट कर रखा था। जिससे आने-जाने वाले यात्रियों को परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ा। वहीं मामले को सुलझाने के लिए प्रशासनिक स्तर पर एसडीएम टांडा मोहनलाल गुप्ता, क्षेत्राधिकार नगर सुरेश कुमार मिश्रा, थानाध्यक्ष सम्मनपुर राजेश सिंह,थानाध्यक्ष जलालपुर संतोष कुमार सिंह, थानाध्यक्ष आलापुर, थानाध्यक्ष सुनील पांडेय, कटका थानाध्यक्ष यादवेंद्र सोनकर के साथ महिला थाना अध्यक्ष मौजूद रही।