अम्बेडकरनगर।विश्व प्रसिद्ध सूफी संत सैय्यद मखदूम अशरफ दरगाह किछौछा का 638 वां दो दिवसीय वार्षिक गुस्ल कार्यक्रम शुक्रवार को कड़ी सुरक्षा के बीच सकुशल संपन्न हुआ। इस दौरान आए हुए जायरीनों ने देश की खुशहाली व विश्व शांति के लिए दुआ मांगी । गुस्ल कार्यक्रम के समापन के बाद देश के अलग-अलग शहरों आये जायरीनो ने अपने घर लौटना शुरू कर दिया ।
सूफी संत सैयद मखदूम अशरफ के आस्ताने पर गुस्ल रश्म के दौरान जलसा बृहस्पतिवार रात 11 बजे से शुरू हुआ। सभी वक्ताओं ने अपने सम्बोधन में सूफी संत सैय्यद मखदूम अशरफ के मानवता व इंसानियत को समर्पित कर उनके जीवन पर विस्तार से प्रकाश डाला। देर रात लगभग 2:30 बजे जलसे का समापन हुआ। जलसे के समाप्ति पर मुतवल्ली व सज्जादानशीन सै. मोहिउद्दीन अशरफ ने विशेष दुआ मांगी। सुबह लगभग 4 बजे विश्व प्रसिद्ध सूफी संत सैय्यद मखदूम अशरफ के रौजे मुबारक ( समाधि स्थल ) को केवड़ा व गुलाब जल से धोया गया। इंतेजामिया कमेटी अध्यक्ष सैय्यद अजीज अशरफ ने बताया कि गुस्ल रस्म पूरी होते ही शुक्रवार दोपहर लगभग 1 बजे तक दरगाह का मुख्य गेट और दर्शन बंद रहा। साप्ताहिक जुमे की नमाज के बाद संदलपोशी और गुलपोशी की रस्म को अंजाम दिया गया। तत्पश्चात पुनः दर्शन के लिए मेन गेट खोला गया। इस दौरान सैयद जहांगीर अशरफ सैयद खलीक अशरफ, सैयद शेखू अशरफ,सैयद फहद अशरफ सहित काफी संख्या में लोग मौजूद रहे। इस दौरान सुरक्षा व्यवस्था में बसखारी निरीक्षक संत कुमार सिंह किछौछा चौकी प्रभारी प्रियंका मिश्रा उपनिरीक्षक प्रेम बहादुर यादव के साथ भारी संख्या में पुलिस के जवान मौजूद रहे।