Thursday, October 23, 2025
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जावेद अहमद बिगाड़ सकते हैं इंडिया गठबंधन और बीएसपी का चुनावी समीकरण, BMP से हैं प्रत्याशी

 अम्बेडकरनगर लोकसभा सीट, जावेद अहमद, बहुजन मुक्ति पार्टी, लोकसभा चुनाव 2024

अम्बेडकरनगर। लोकसभा चुनाव 2024 में राजनीतिक सरगर्मियां उफान पर हैं। पांचवें चरण का मतदान होना है। इसी बीच उत्तर प्रदेश के जनपद अंबेडकरनगर लोकसभा सीट में सपा और बसपा का चुनावी समीकरण बिगड़ता दिख रहा है। बता दें कि बहुजन मुक्ति पार्टी से समर्थित उम्मीदवार जावेद अहमद सिद्दीकी सपा और बसपा का चुनावी समीकरण बिगाड़ सकते हैं। यदि पिछले लोकसभा के चुनावी आंकड़ों पर गौर किया जाए तो सपा-बसपा मिलकर पांच लाख 64 हज़ार 118 वोट पाई थी। दूसरे नंबर भाजपा अकेली ही चार लाख 68 हज़ार 238 वोट पाई थी। वहीं, इस बार सपा-बसपा अकेले लड़ रही हैं, जिससे वोटो का विभाजन तय है। बहुजन मुक्ति पार्टी से समर्थित प्रत्याशी जावेद अहमद भी मुस्लिम वोटों के साथ दलित व पिछड़े वर्ग के वोटों पर सेंध मारी कर रहे हैं, जिससे सपा और बसपा के पक्ष में जीत की राह आसान नहीं होगी। वहीं, भाजपा के लिए यह प्रत्याशी आंकड़ों को डगमगा सकता है, जिससे जीत का सेहरा किस पार्टी की उम्मीदवार के सिर चढ़ेगा, यह चुनावी जानकारी के लिए सरदर्दी पैदा कर रहा है।

इसी आंकड़ों के बीच यदि छोटी पार्टियों के गठबंधन एवं समर्थन पर गौर करें तो जावेद अहमद सिद्दीकी चुनावी समीकरण को डगमगाते हुए यहां कि सीट को सपा-बसपा तथा भाजपा के लिए टेड़ी खीर साबित हो रहा है। बहुजन मुक्ति पार्टी के समर्थित प्रत्याशी जावेद अहमद को राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी विकास पटेल, राष्ट्रीय किसान मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी राम सुरेश वर्मा, राष्ट्रीय मुस्लिम मोर्चा के राष्ट्रीय प्रभारी चांद मोहम्मद, भारतीय विद्यार्थी मोर्चा, बहुजन क्रांति मोर्चा, भारत मुक्ति मोर्चा, राष्ट्रीय मूलनिवासी महिला संघ, भारतीय बेरोजगार मोर्चा सहित राष्ट्रीय परिवर्तन मोर्चा (जिसमें 85 क्षेत्रीय पार्टियां शमिल हैं) ने अपना समीकरण बैठा रखा है।
अंबेडकरनगर लोकसभा सीट का पिछला इतिहास
अंबेडकरनगर लोकसभा सीट, उत्तर प्रदेश का एक महत्वपूर्ण लोकसभा सीट है। इस सीट पर सियासी गतिविधियां चरम पर हैं। इसे कभी बीएसपी का गढ़ माना जाता था। लेकिन इस चुनाव में बीजेपी और सपा की प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी है। साल 2019 के चुनाव में बीएसपी के टिकट पर लड़े रितेश पांडे बीजेपी के मुकुट बिहारी वर्मा को हराकर यहां से सांसद बने थे। पिछले दिनों रितेश ने बसपा छोड़ भाजपा ज्वाइन कर ली और भाजपा ने उन्हें मैदान में उतार दिया। वहीं, सपा ने इस सीट से छह बार के विधायक लालजी वर्मा को विधायक बनाया है। वर्मा की पिछड़े वर्ग के वोटरों में अच्छी पैठ बताई जाती है।

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