Sunday, July 27, 2025
Homeअम्बेडकरनगरसमाज की दिशा और दशा बदलने का काम करता है साहित्य: संचालक...

समाज की दिशा और दशा बदलने का काम करता है साहित्य: संचालक डॉ० तारकेश्वर मिश्र जिज्ञासु

अंबेडकरनगर । प्रदेश के साहित्यकारों की आवाज़ उत्तर प्रदेश साहित्य सभा के बैनर तले युवा साहित्यकार संजय सवेरा के संयोजन , प्रदीप तिवारी के सह संयोजन और कुशल मंच संचालक डॉ० तारकेश्वर मिश्र जिज्ञासु के बेजोड़ संचालन में नगर के सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज शास्त्री नगर अकबरपुर के प्रांगण में कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया । वरिष्ठ कवि चिंतामणि त्रिपाठी निश्चिंत की अध्यक्षता में आयोजित कवि सम्मेलन की शुरुआत मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण , दीप प्रज्वलन और वरिष्ठ कवि रामचंद्र द्विवेदी सरल की वाणी वंदना के साथ हुई । इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि ग्वालियर मध्य प्रदेश के आयकर अधिकारी श्री दिवाकर तिवारी और विशिष्ट अतिथि प्रदेश अध्यक्ष डेंटल सर्जन एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया डाक्टर मनीष पाण्डेय रहे । रामचंद्र द्विवेदी सरल की विह्वल कर देने वाली वाणी वंदना के बाद कवियों ने अपनी-अपनी रचनाओं से लोगों को मुग्ध किया । युवा गीतकार अजय उपाध्याय विभोर ने पढ़ा- जीने नहीं देती तबीयत की उदासी हमारे खानदान में कोई शायर नहीं हुआ । डॉ० नीरज नादान ने पढ़ा- चलो आज एक और गुनाह करते हैं , जो हमको भूले हैं उन्हें भी याद करते हैं । वरिष्ठ कवयित्री डॉक्टर करुणा वर्मा ने मर्यादा पुरुषोत्तम राम पर अपना गीत प्रस्तुत करते हुए पढ़ा- मेरे राम आ गए हैं मेरे राम आ गए हैं , आंखों को तृप्त करने घनश्याम आ गए हैं । युवा कवि संजय सवेरा ने पढ़ा- तुम जरूर आओगे मेरे पास, इस जन्म में चाहे इस जन्म के बाद । अंजनी कुमार भारद्वाज ने आत्म सम्मान के भावों को व्यक्त करते हुए पढ़ा- घी लगी अपमान की रोटी मैं खा सकता नहीं , याचना करने किसी के घर भी जा सकता नहीं । संचालक डॉ० तारकेश्वर मिश्र जिज्ञासु ने पढ़ा– हमें तेरी मोहब्बत का इम्तिहान लेना है , तेरे साथ गुजरे वक्त का बयान लेना है । प्रेम की दुनिया में समर्पण क्या चीज़ है , बता कर दुनिया को हमें एहसान लेना है ।। युवा दिलों की धड़कन , साहित्य और अभिनय के सशक्त हस्ताक्षर दुर्गेश दुर्लभ ने पढ़ा- भामा राणा की कहानी कौन लिखेगा , बाजीराव पेशवा सी जवानी कौन लिखेगा , तुम्ही होंठ चुंबन की भाषा बोलने लग गए तो , ग्लेशियर को पिघला कर पानी कौन लिखेगा । अध्यक्षता कर रहे चिंतामणि त्रिपाठी निश्चिंत ने पढ़ा- पढ़ा लिखा होइ भंइस चरावा का करबा । रामचंद्र द्विवेदी सरल ने पढ़ा- राम से बड़ा है राम का नाम , मुफ्त में यह मिले ना लगे दाम । मुख्य अतिथि दिवाकर तिवारी ने सभी कवियों की सराहना करते हुए भविष्य में और इस तरीके के आयोजन पर बोल दिया जबकि विशिष्ट अतिथि डॉ मनीष पाण्डेय ने अपने वक्तव्य में कहा आप साहित्यकारों पर मुझे नाज़ है साथ ही साथ मुझे अपने एक अच्छा श्रोता होने पर भी गर्व है । कार्यक्रम के अंत में उत्तर प्रदेश साहित्य सभा अंबेडकरनगर के जिला अध्यक्ष जिज्ञासु ने सभी अतिथियों का आभार व्यक्त करते हुए कार्यक्रम का समापन किया ।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments