Thursday, December 4, 2025
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आल इंडिया मुशायरा एवं कवि सम्मेलन में उर्दू-हिंदी कवियों व शायरो ने गंगा-जमुनी संस्कृति का दिया संदेश 

अम्बेडकरनगर। एस बी नेशनल इंटर कॉलेज बसखारी में उर्दू साहित्य एवं हिंदी अदब सोसायटी के तत्वाधान में आयोजित आल इंडिया मुशायरा व कवि सम्मेलन में कवि व शायरों ने आपसी सौहार्द और गंगा-जमुनी संस्कृति को बनाने का संदेश दिया। मुशायरा का शुभारंभ आयोजक व अतिथियों द्वारा महफिले शमा जलाकर किया गया। जौहर कानपुरी ने वतन पर अपनी मार्मिक कविता पढ़ी, जिसमें उन्होंने कहा, “वतन की सरजमीं को अम्न का दर्पन बनाना है, जो शाखें नीम की हैं उन्हें चंदन बनाना है।” शकील आज़मी ने उड़ान की प्रेरणा देते हुए कहा, “पेरों को खोल ज़माना उड़ान देखता है, जमीन पे बैठकर क्या आसमान देखता है।” शबीना अदीब कानपुर, भूषण त्यागी बनारस, विभा सिंह सोनभद्र समेत अन्य कवियों ने भी अपनी भावुक कविताओं से श्रोताओं के बीच शमा बाध दिया।

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मुशायरे का आयोजन सैयद फैजान अशरफ एडवोकेट ने एस बी नेशनल इण्टर कालेज के वार्षिक उत्सव बशीर डे पर किया गया। इंडिया मुशायरा की अध्यक्षता सैयद सलाहुद्दीन किछौछवी तथा संचालन डॉ. नदीम फर्रुख ने किया। सैयद सलाहुद्दीन ने कहा कि मुशायरे आपसी प्यार, मोहब्बत और भाईचारे को मजबूत करते हैं और देश की सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित रखने में मदद करते हैं।कार्यक्रम में समाजसेवियों और जिले के पत्रकारों को अवध सम्मान और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया । इस अवसर पर विधायक राममूर्ति वर्मा,डॉ रजनीश सिंह,सैयद मेराजुद्दीन किछौछवी,मुसाब अजीम,डॉ ए पी चतुर्वेदी, सुनील वर्मा,अजय पाण्डेय, इमरान खान,सैयद यहिया अशरफ,सैयद अजीज अशरफ,फहद अशरफ सहित काफी संख्या में साहित्य प्रेमी बुद्धिजीवी लोग मौजूद रहे । जिन्होंने पर्यावरण और साहित्य के माध्यम से सामाजिक एकता पर जोर दिया।यह मुशायरा पूरी रात चलकर श्रोताओं को भावविभोर कर गया और सांस्कृतिक सौहार्द की मिसाल कायम किया।

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