बसखारी, अंबेडकरनगर। विकास खंड बसखारी के ग्राम पंचायत कल्यानपुर उदनपुर में हैंडपंप मरम्मत एवं रिबोर के नाम पर सरकारी धन के बड़े पैमाने पर घोटाले का मामला सामने आया है। जहां सरकार ग्रामीण विकास और पेयजल व्यवस्था को मजबूत करने का दावा करती है, वहीं जमीनी हकीकत योगी सरकार की व्यवस्थाओं पर बड़ा प्रश्नचिह्न खड़ा कर रही है।
स्थानीय सूत्रों के अनुसार, ग्राम पंचायत सचिव जयंत यादव और ग्राम प्रधान की मिलीभगत से कागजों में लाखों रुपए के काम दिखाकर सरकारी धन की जमकर बंदरबांट की गई। पानी की सुविधा सुधारने के नाम पर हैंडपंप रिबोर और मरम्मत के फर्जी बिल तैयार कर पैसा निकाल लिया गया, जबकि अधिकांश हैंडपंप आज भी खराब पड़े हैं।
गांव के कई लोगों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि— “कागजों में हैंडपंप ठीक दिखाए गए हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर या तो काम हुआ ही नहीं या फिर बहुत ही मामूली स्तर पर किया गया है। हैंडपंप आज भी खराब हैं, पानी के लिए लोग तरस रहे हैं।”
शिकायतें यह भी हैं कि सचिव जयंत यादव ने केवल कल्यानपुर उदनपुर ही नहीं बल्कि अपने सभी क्लस्टरों में इसी तरह हैंडपंप मरम्मत व रिबोर के नाम पर लाखों का खेल किया है।
ऐसे गंभीर आरोपों ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। जब गांवों में मूलभूत सुविधाओं के नाम पर सरकारी खजाने को लूटा जा रहा है, तो जिम्मेदार अधिकारी और विभाग आखिर कार्रवाई क्यों नहीं कर रहे?
यह मामला न सिर्फ शासन-प्रशासन की आंखें खोलने वाला है बल्कि यह भी बताता है कि भ्रष्ट अधिकारी किस तरह सरकारी योजनाओं को अपनी जेब भरने का माध्यम बना लेते हैं।
जल्द ही गोविंद वार्ता न्यूज़ बसखारी विकासखंड में तैनात ग्राम पंचायत सचिव जयंत यादव के सभी क्लस्टरों में हुए भ्रष्टाचार का साक्ष्यों के साथ बड़ा खुलासा करेगा।
यह देखना दिलचस्प होगा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस बड़े भ्रष्टाचार पर क्या सख्त कदम उठाते हैं और ग्राम पंचायतों में किस तरह जवाबदेही तय की जाती है।

