अम्बेडकरनगर। मालीपुर थाना क्षेत्र में सड़क दुर्घटना में युवक की मौत के बाद शनिवार को बवाल मच गया। परिजनों ने पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए शव को सड़क पर रखकर मालीपुर चौराहे पर जाम लगा दिया। कई घंटे तक यातायात ठप रहा और अफरा-तफरी का माहौल बना रहा। इस मामले में पुलिस ने 13 नामजद, 40 अज्ञात पुरुष और 10 अज्ञात महिलाओं के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है।
मृतक की पहचान मालीपुर थाना क्षेत्र के जगतूपुर बिल्टई गांव निवासी दीपक उर्फ दीपू के रूप में हुई है, जो अपने दो साथियों के साथ कांवड़ यात्रा की तैयारी के लिए कपड़े और अन्य सामान खरीदने बाइक से मालीपुर जा रहा था। रास्ते में अकबरपुर मार्ग स्थित आर.डी. टेंट हाउस के पास उनकी बाइक एक ट्रैक्टर से टकरा गई। हादसे में तीनों गंभीर रूप से घायल हो गए। उन्हें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जलालपुर ले जाया गया, जहां दीपक को मृत घोषित कर दिया गया, जबकि दो अन्य को जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया।
पोस्टमार्टम के बाद जब शव गांव पहुंचा, तो परिजनों ने पुलिस द्वारा गलत एफआईआर दर्ज करने का आरोप लगाया। उन्होंने दावा किया कि हादसा ट्रैक्टर से हुआ, जिसे अंगद सिंह का पुत्र चला रहा था, लेकिन पुलिस स्कूल बस को आरोपी बना रही थी। इसी नाराजगी में परिजनों और ग्रामीणों ने शव को पिकअप पर रखकर मालीपुर चौराहे पर जाम लगा दिया।
सूचना मिलने पर अपर पुलिस अधीक्षक (पूर्वी) श्यामदेव, उपजिलाधिकारी राहुल गुप्ता, सीओ अनूप सिंह समेत कई थानों की फोर्स मौके पर पहुंची और प्रदर्शनकारियों को समझाने की कोशिश की। परिजन ट्रैक्टर मालिक अंगद सिंह और चालक के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराने और गिरफ्तारी की मांग पर अड़े रहे। आखिरकार पुलिस ने ट्रैक्टर मालिक के खिलाफ हिट एंड रन और लापरवाही से वाहन चलाने की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर एफआईआर की कॉपी परिजनों को सौंपी, जिसके बाद परिजन शव को दाह संस्कार के लिए ले गए।
प्रशासन के राहत की सांस लेने के बाद पुलिस ने उपनिरीक्षक वर्षा यादव की तहरीर पर सहदेव, जगदीश, उनकी पत्नी, राजीतराम, सुदर्शन, छल्लन सिंह, धर्मेंद्र, सोनू, मनीराम, सौरभ, संजय, रामअशीष, मायाराम सहित 63 लोगों के विरुद्ध सड़क जाम, सरकारी कार्य में बाधा, शांति भंग और अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया।
अपर पुलिस अधीक्षक (पूर्वी) श्यामदेव ने कहा कि कानून व्यवस्था बिगाड़ने और आमजन को परेशान करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। सड़क जाम करना कानूनन अपराध है, जिसकी विवेचना शुरू कर दी गई है।