Thursday, July 24, 2025
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ब्लॉक में अधूरा सोलर पैनल और टूटी बाउंड्री वॉल: बीडीओ के दावों पर सवाल

  • खंड विकास अधिकारी (बीडीओ) दिनेश राम के कार्यालय परिसर में अपूर्ण परियोजनाओं और रखरखाव की कमी को उजागर करती एक खबर है:
    बसखारी ब्लॉक में अधूरा सोलर पैनल और टूटी बाउंड्री वॉल: बीडीओ दिनेश राम के दावों पर सवाल
    बसखारी, अंबेडकरनगर। बसखारी विकासखंड कार्यालय परिसर में कई महीनों से सोलर पैनल का स्ट्रक्चर अधूरा पड़ा है, जिस पर अभी तक पैनल नहीं लगाए गए हैं। वहीं, ब्लॉक कार्यालय की बाउंड्री वॉल भी पिछले दो-तीन साल से टूटी पड़ी है, जिससे परिसर की सुरक्षा पर सवाल खड़े हो रहे हैं। इन दोनों ही मुद्दों पर खंड विकास अधिकारी (बीडीओ) दिनेश राम के बयान सवालों के घेरे में हैं।
    कार्यालय के ऊपर लगे सोलर पैनल स्ट्रक्चर के विषय में पूछे जाने पर बीडीओ दिनेश राम ने बताया कि यह कार्य एक एजेंसी को सौंपा गया था, लेकिन एजेंसी ने इसे पूरा नहीं किया। यह बयान कई सवाल खड़े करता है – आखिर किस एजेंसी को यह काम दिया गया था? कार्य पूरा न करने पर एजेंसी के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई है? और सबसे महत्वपूर्ण, इतने समय से यह महत्वपूर्ण परियोजना अधूरी क्यों पड़ी है, जबकि ऊर्जा सुरक्षा और बचत के लिए सोलर पैनल का महत्व किसी से छिपा नहीं है?
    इसी तरह, खंड विकास कार्यालय की जर्जर और टूटी बाउंड्री वॉल की स्थिति पर जब बीडीओ से पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि ब्लॉक प्रमुख को अभी तक इसके लिए बजट नहीं मिला है। यह जवाब भी विस्मयकारी है, क्योंकि बाउंड्री वॉल लगभग दो-तीन साल से टूटी हुई है। इतने लंबे समय तक सुरक्षा संबंधी इस महत्वपूर्ण कार्य के लिए बजट का इंतजार क्यों किया जा रहा है? क्या ब्लॉक कार्यालय जैसे संवेदनशील स्थान पर सुरक्षा से समझौता किया जा सकता है?
    दिनेश राम के कार्यकाल में ये दोनों ही अधूरे कार्य विकासखंड में कार्यप्रणाली और जवाबदेही पर प्रश्नचिह्न लगाते हैं। एक तरफ जहां सरकार अक्षय ऊर्जा को बढ़ावा देने की बात कर रही है, वहीं बसखारी ब्लॉक में सोलर पैनल का प्रोजेक्ट धूल फांक रहा है। दूसरी ओर, वर्षों से टूटी बाउंड्री वॉल प्रशासनिक उदासीनता का जीता जागता उदाहरण है।
    स्थानीय निवासियों और जनप्रतिनिधियों का कहना है कि इन अधूरे कार्यों से न केवल सरकारी धन का अपव्यय हो रहा है, बल्कि कार्यालय परिसर की सुरक्षा भी खतरे में है। अब देखना यह है कि बीडीओ दिनेश राम इन लंबित परियोजनाओं को कब तक पूरा करवाते हैं और इन सवालों का जवाब कब देते हैं।
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