Wednesday, August 20, 2025
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जब लंच पर था प्रांजल डायग्नोस्टिक सेंटर का स्टाफ तो एसीएमओ पहुंच गए जांच करने:संचालक

दुनिया का कौन सा प्राणी है जो बिना भोजन के जीवित रहता है

लंच बाद पहुंचे डॉक्टर ने एसीएमओ को किया फोन साहब हम लोग आ गये

दोनों डायग्नोस्टिक सेंटरों पर एक ही डॉक्टर लेकिन एक पर वैध तो दूसरे पर अवैध कैसे साहब

आखिर किस दूषित मानसिकता और षड्यंत्र के तहत प्रांजल डायग्नोस्टिक सेंटर बनाया जा रहा प्रताड़ना का शिकार

अंबेडकर नगर। बसखारी थाना क्षेत्र अंतर्गत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बसखारी के ठीक सामने स्थित प्रांजल डायग्नोस्टिक सेंटर को षड्यंत्र के तहत बीते कई दिनों से सुनियोजित ढंग से टारगेट किया जा रहा है। जबकि प्रांजल डायग्नोस्टिक सेंटर विभाग के सभी नियमों कायदे कानून का पालन करते हुए जांच प्रक्रिया से गुजरने के बाद डायग्नोस्टिक सेंटर को संचालित करने की अनुमति 11 जनवरी 2021 से 10 जनवरी 2026 तक प्राप्त की है। जबकि वहीं षड्यंत्र के तहत दो वर्ष बीत जाने के बाद प्रकाश डायग्नोस्टिक सेंटर द्वारा कूट रचित ढंग से शपथ पत्र देते हुए दर्शाया गया कि प्रांजल डायग्नोस्टिक सेंटर संचालक साहिल सोनी ने डायग्नोस्टिक सेंटर को चलाने में असमर्थता जाहिर करते हुए प्रांजल डायग्नोस्टिक सेंटर का स्वामित्व पूनम मौर्या पत्नी वेद प्रकाश मौर्य ग्राम कटारगढ़ पोस्ट शुक्ल बाजार थाना आलापुर जिला अंबेडकर नगर को 20 मई 2023 को मुख्तारनामा खास नियुक्ति किया है उक्त के संबंध में भनक लगते ही 22 मई 2023 को पीड़ित डायग्नोस्टिक संचालक साहिल सोनी के द्वारा मुख्य चिकित्सा अधिकारी एवं जिलाधिकारी से अर्जी लगाते हुए पूनम मौर्या द्वारा प्रस्तुत किए गए दस्तावेज की छायाप्रति की मांग करते हुए दावा किया है कि पूनम मौर्या द्वारा जो भी शपथ प्रस्तुत किया गया है वह मेरे द्वारा किसी भी दशा में नहीं दिया गया है बल्कि कूटरचित ढंग से षड्यंत्र किया गया है। प्रार्थी डायग्नोस्टिक सेंटर संचालक द्वारा बार-बार प्रार्थना पत्र देते हुए मांग करता रहा किंतु आज तक पूनम मौर्या द्वारा कूट रचित ढंग से प्रस्तुत किए गए दस्तावेज की छायाप्रति उपलब्ध नहीं कराया गया। पूनम मौर्या को जब यह जानकारी मिली कि प्रांजल डायग्नोस्टिक सेंटर द्वारा दस्तावेज की छाया प्रति की मांग की जा रही है तो विभाग में अपनी पैठजमाने के कारण प्रांजल डायग्नोस्टिक सेंटर के खिलाफ षड्यंत्र करना शुरू कर दिया जिसमें कुछ तथाकथित लोगों को भी शामिल करते हुए आए दिन मानसिक प्रताड़ना देते हुए डायग्नोस्टिक सेंटर को बाधित करने का बार-बार प्रयास किया जाने लगा। लगभग एक महीने से षड्यंत्र में कामयाब न होने पर एक नई चाल की शुरुआत की गई जो साफ और स्पष्ट दर्शाता है कि दूषित मानसिकता से ग्रसित होकर इस घटिया कृत्य को अंजाम दिया जा रहा है। अचानक प्रांजल डायग्नोस्टिक सेंटर पर अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी रामानंद सिद्धार्थ उस समय पहुंचते हैं जब डायग्नोस्टिक सेंटर पर प्रतिदिन की भांति 24 अक्टूबर 2024 को भी सभी स्टाफ लंच के लिए गए हुए थे कि इतने में एसीएमओ साहब आ धमके और आव देखा न ताव सीधा डायग्नोस्टिक सेंटर में घुसे और डायग्नोस्टिक संचालक को टॉप गियर में ले लिया जबकि संचालक बार-बार निवेदन के साथ कहता रहा कि साहब सभी स्टाफ लंच पर गए हुए हैं यकीन ना हो तो आप बात कर लीजिए किंतु एसीएमओ ने संचालक की एक भी बात ना सुनी बल्कि तेवर दिखाते हुए अभद्रतापूर्ण व्यवहार किया फिर क्या साहब के जो भी मन में आया सब लिख पढ़ के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बसखारी में चले गए। इसी दौरान जानकारी प्राप्त होने पर प्रांजल डायग्नोस्टिक सेंटर पर तैनात डॉक्टर ओमप्रकाश त्रिपाठी ने एसीएमओ रामानंद सिद्धार्थ को कॉल कर बताया कि साहब मैं सेंटर पर स्टाफ के साथ मौजूद हूं लंच के लिए गया था आप चाहे तो आकर सब कुछ देख सकते हैं और जांच परख कर सकते हैं किंतु एसीएमओ साहब की कुंठा क्या थी समझ नहीं आया कि साहब ने आने से इनकार क्यों कर दिये और जैसा चाहा उसी तरह से लिख पढ़ के चले गए और देर शाम सोशल मीडिया पर एसीएमओ साहब का बयान आता है की प्रांजल डायग्नोस्टिक सेंटर का निरीक्षण किया गया तो मौके पर डॉक्टर रेडियोलॉजिस्ट और पैथोलॉजिस्ट मौजूद नहीं पाये गये। एसीएमओ के बयान से डायग्नोस्टिक सेंटर के संचालक से लेकर समस्त स्टाफ को समझ नहीं आ रहा था कि आखिरकार एसीएमओ साहब को कैसे पता था कि यह उचित समय है पूरा स्टाफ लंच पर गया है और निरीक्षण करने का इससे बेहतर मौका नहीं मिलेगा। प्रांजल डायग्नोस्टिक सेंटर के संचालक साहिल सोनी एवं तैनात डॉक्टर ओपी त्रिपाठी का आरोप है कि एसीएमओ साहब सुंयोजित ढंग से केंद्र पर आकर इस तरह का निरीक्षण करना कहीं ना कहीं पूरी तरह एक षड्यंत्र का हिस्सा है। बयान में कहा जा रहा है कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बसखारी के अधीक्षक द्वारा निरीक्षण में बताया गया कि मेरे द्वारा जब निरीक्षण किया गया था तो डॉक्टर मौजूद नहीं थे।डीएम साहब ये वही अधीक्षक है जो जलालपुर क्षेत्र अंतर्गत बड़ेपुर के पीएचसी पर अधीक्षक पद पर तैनात होते हुए कुर्सी पर बैठकर टेबल के नीचे से रिश्वत लेता हुआ वीडियो वायरल हुआ था लेकिन हैरानी की बात है कि कार्रवाई हुआ तो पीएचसी बडेपुर से हटाने के उपरांत किस पहुंच के कारण सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बसखारी का अधीक्षक बना दिया गया जो कि किसी के भी समझ से परे नजर आ रहा है। अधीक्षक को काफी दिनों से प्रांजल डायग्नोस्टिक सेंटर से कुंठा थी जिसे आसानी से समझा जा सकता है कि कारण क्या हो सकता है। बताते चलें कि प्रांजल डायग्नोस्टिक सेंटर पर पहले से ही डॉक्टर डॉ देवेंद्र विक्रम दीक्षित की तैनाती है और उनके अनुपस्थिति में डॉक्टर ओपी त्रिपाठी की तैनाती भी है जिसका शपथ पत्र 23 सितंबर 2024 को प्रांजल डायग्नोस्टिक सेंटर संचालक द्वारा मुख्य चिकित्सा अधिकारी को ऑनलाइन एवं ऑफलाइन दिया जा चुका है। हैरानी की बात है कि प्रांजल डायग्नोस्टिक सेंटर को इस कदर प्रताड़ित किया जा रहा है कि मानो वह धरती का प्राणी ही नहीं हो और उसे कोई अधिकार ही ना हो कि वह अपना रोजी-रोटी चला सके जिससे परिवार का पालन पोषण सुचारू रूप से चल सके। यह कहने का सबसे बड़ा उद्देश्य है कि डॉक्टर देवेंद्र विक्रम दीक्षित जो कि प्रकाश पैथोलॉजी सेंटर और प्रांजल डायग्नोस्टिक सेंटर दोनों पर तैनाती है। बड़ी ही विचित्र विडंबना और हास्यास्पद बात है कि डॉ दीक्षित को प्रकाश डायग्नोस्टिक सेंटर पर क्वालिफाइड/रजिस्टर्ड/ प्रशिक्षित माना जा रहा है जबकि वहीं प्रांजल डायग्नोस्टिक सेंटर पर अनक्वालिफाइड/ अनरजिस्टर्ड/अप्रशिक्षित बताया जा रहा है जो बड़े ही हैरानी का विषय है और विषम परिस्थिति को उत्पन्न करता है। वहीं इस स्थिति के संदर्भ में डॉ दीक्षित द्वारा 23 सितंबर 2024 को मुख्य चिकित्साधिकारी को शपथ पत्र देते हुए कहा गया है कि प्रार्थी डॉक्टर देवेंद्र विक्रम दीक्षित उम्र 85 वर्ष पुत्र स्वर्गीय गजानंद दीक्षित के नाम से प्रांजल डायग्नोस्टिक सेंटर पंजीकरण संख्या ABN/PCPNDT/BSK/39 अकबरपुर रोड सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बसखारी अस्पताल के सामने बसखारी में संचालित है। उक्त डायग्नोस्टिक सेंटर में प्रार्थी कार्यरत है और भविष्य में भी कार्यरत रहेगा यदि विभागीय नियमों के प्रतिकूल हो तो शपथी प्रकाश डायग्नोस्टिक सेंटर में कार्यरत रह सकता है परन्तु यदि किसी नियम का उल्लंघन हो रहा है तो शपथी दोनों डायग्नोस्टिक सेंटरों पर सेवा नहीं दे पाएगा।डॉ. दीक्षित ने बताया कि यह एक षड्यंत्र का हिस्सा है महीने भर से प्रताड़ित करने का दौर चल रहा है और आज की स्थिति यह है कि लंच के समय एसीएमओ द्वारा अचौक निरीक्षण किया जाता है और इस तरह का बयान मीडिया पर दिया गया जो की निंदनीय है। न जाने किस पीड़ा से ग्रसित होकर इस तरह की प्रताड़ना का शिकार बनाया जा रहा है कि जिससे प्रार्थी का जीवन यापन पूरी तरह से ध्वस्त हो जाए। तो वहीं प्रांजल डायग्नोस्टिक सेंटर के संचालक साहिल सोनी का आरोप है कि यह सब सुनियोजित ढंग से षड्यंत्र के तहत मिली भगत का परिणाम है कि जो महीने भर से प्रताडना का शिकार बनाते हुए आज इस अंजाम तक पहुंचाया गया है जिससे हम लोग पूरी तरह हतोत्साहित हो जाए और सड़क पर आ जाएं जबकि यही एकमात्र जीवन यापन और परिवार चलाने का जरिया है जिस पर आघात किया जा रहा है। जबकि प्रांजल डायग्नोस्टिक सेंटर पर तैनात डॉक्टर की अनुपस्थिति में डॉक्टर ओपी त्रिपाठी को भी तैनात किया गया है जिसका शपथ पत्र मुख्य चिकित्साधिकारी को उपर्युक्त दिवस में दिया जा चुका है के बावजूद इस तरह की करवाई कहीं ना कहीं या दर्शाता है कि कमोवेश में आकर प्रांजल डायग्नोस्टिक सेंटर के खिलाफ इस तरह का करवाई किया जा रहा है जिससे मानसिक और आर्थिक प्रताड़ना का शिकार बनाया जा सके। जबकि विभागीय स्तर पर सभी नियमों का पालन प्रांजल डायग्नोस्टिक सेंटर द्वारा किया जा रहा है। वीडियो में आसानी से देखा जा सकता है कि चेतावनी पट्टिका और रजिस्ट्रेशन नंबर अआदि नियमों का सुचार रूप से पालन किया जा रहा है।

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