- आर्थिक तंगी से दस हजार से अधिक शिक्षामित्रों की मौत पर जिम्मेदार सरकार मौन
- जिलाध्यक्ष ,जिला संयोजक कों पुलिस द्वारा नजर बंद किए जाने से शिक्षामित्रों में आक्रोश
अम्बेडकर नगर। 8 सितंबर 2024 मुख्यमंत्री के प्रस्तावित कार्यक्रम में शिक्षामित्रों को पहुंचने से रोकने के लिए शिक्षामित्र शिक्षक संघ अम्बेडकर नगर के जिलाध्यक्ष व शिक्षामित्र केयर समिति अंबेडकर नगर के जिला संयोजक रामचंद्र मौर्य को आलापुर पुलिस द्वारा रात्रि से ही निगरानी में रखते हुए कोतवाली आलापुर में मुख्यमंत्री का कार्यक्रम संपादित होने तक पुलिस की निगरानी में नजर बंद रखा गया। शिक्षामित्र जिलाध्यक्ष, जिला संयोजक रामचंद्र मौर्य को पुलिस द्वारा आलापुर कोतवाली में नजर बंद किए जाने से जनपद के शिक्षामित्रों में आक्रोश व्याप्त है। जिलाध्यक्ष, जिला संयोजक राम चन्दर मौर्य ने कहा कि सरकार द्वारा शिक्षक की सभी योग्यता रखने वाले योग्य व अनुभवी शिक्षामित्रों के आवाज को सरकार द्वारा भरसक दबाने का प्रयास किया जा रहा है। आर्थिक तंगी,अवसाद व आत्म हत्या के चलते 10 हजार से भी अधिक शिक्षामित्रों की मौत हो जाने के बाद भी शिक्षामित्रों के मौत की जिम्मेदार सरकार मौन है। शिक्षामित्रों की मौत पर मुआवजे देने की बात को कौन कहे सरकार ने संवेदना के दो शब्द तक नहीं कहा। पूर्व की सरकार में शिक्षामित्रों को 40000 रूपए प्रतिमाह वेतन दिया जा रहा था। समायोजन निरस्त होने के बाद शिक्षामित्रों को 10000 रूपये मानदेय 11 माह के लिए वह भी समय से नहीं दिया जा रहा है। 7 वर्षो में सरकार द्वारा शिक्षामित्रों के मानदेय में 1 पैसे की भी वृद्धि नहीं किया गया।अल्प मानदेय में शिक्षामित्रों का अपना परिवार पालना भी मुश्किल हो गया है। आर्थिक तंगी के चलते आये दिन शिक्षामित्रों की मौत हो रही है। पूर्व में सरकार द्वारा शिक्षामित्रों को लेकर बहुत सारे झूठे वादे भी किए गए। शिक्षामित्रों की समस्याओं के समाधान हेतु हाई पावर कमेटी का गठन किया गया। लेकिन हाईपॉवर कमेटी के निर्णय का अभी तक अता पता नहीं चल सका। शिक्षामित्रों द्वारा अपनी मांगों के समर्थन में किये जा रहे आन्दोलन को सरकार द्वारा कुचलने भरसक प्रयास किया जा रहा है। लोकतंत्र में शिक्षामित्रों की आवाज को सरकार द्वारा दबाने का कार्य किया जा रहा है। सरकार द्वारा दिए जा रहे नारे सबका साथ सबका विकास का नारा पूरी तरह से ध्वस्त होता दिखाई दे रहा है। जिलाध्यक्ष जिला संयोजक रामचंद्र मौर्य ने कहा कि यदि शीघ्र शिक्षामित्र की समस्याओं का समाधान नहीं किया गया तो शिक्षामित्र चुप बैठने वाला नहीं है। उन्होंने कहा कि शिक्षामित्रों द्वारा अपनी मांगों के समर्थन में पुनः आन्दोलन किया जाएगा।